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संस्थान का योगदान: पर्यावरण संरक्षण के लिए राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की प्रेरणादायक पहल

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मेरा नाम गीतांजली शर्मा है मैं अजमेर में ही निवास करती हूँ और पर्यावरण से बहुत अधिक प्रेम करती हूँ एक दिन मिडिया पर मैंने राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का सेव द बर्ड्स प्रोजेक्ट देखा ! जिसमे कैसे एक विलुप्त हो रही एक नन्ही सी चिड़िया को बचाने का एक वृह्द कार्य इसके द्वारा किया जा रहा है ! ताकि हम अपने आस पास रहने वाली बयां पक्षी को बचा सके ! हमारे मानवीय दुष्टपरिणामों की वजह से और जटिल वातावरण बदलाव के कारण यह जाति अब संकटग्रस्त हो रही है ! अंत इस जीव के पुनः बचाने के लिए मानवीय सहयोग का होना अति आवश्यक है ! तभी हम दुनिया में विलुप्त हो रहे जीव को बचा पाएंगे ! फिर मैंने संस्था के ऑफिस से संपर्क किया और इस विषय पर संस्था प्रतिनिधियों से जानकारियां प्राप्त की ! उनके द्वारा मुझे इस पक्षी के जीवन चक्र के बारे में सविस्तार समझाया गया ! सभी जानकारिया प्राप्त कर मैंने उनसे 1 चिड़ियाघर व् फीडर प्राप्त किया ! जिसको मैंने अपने घर पर बगीचे में ऊपर छायादार स्थान पर लगाया ताकि यह पक्षी आकर अपने घोंसले का निर्माण करे व् इस जीवन चक्र की शृंखला को आगे बढ़ाये ! इसके कुछ समय पश्च्यात उस चिड़ियाघर में बयां

लैंगिक असमानता: महिलाओं के खिलाफ भेदभाव और उसकी जटिलताएँ

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लैंगिक असमानता का तात्पर्य लैंगिक आधार पर महिलाओं के साथ भेदभाव से है ! परम्परागत रूप से समाज में महिलाओं को कमजोर वर्ग के रूप में देखा जाता है ! वे घर और समाज दोनों जगहों पर शोषण, अपमान, और भेदभाव से पीड़ित होती है ! महिलाओं के खिलाफ भेदभाव दुनिया में हर जगह प्रचलित है ! यह असमानता कई प्रकार से हो सकती है ! इसमें रोजगार और पदोन्नति के मामले में महिलाओ को अक्सर भेदभाव का सामना करना पड़ता है ! नौकरी के अवसरों और वेतनमान के मामले में पुरुषों को महिलाओँ पर प्राथमिकता दी जाती है ! स्वामित्य असामनता में कई समाजों में सम्पति का स्वामित्व असमान है !  जहा भी पुरुष प्रधान समाज होगा वह स्त्री सदा तिरस्कार पूर्ण जीवन व्यतीत करेगी ! यहाँ पर स्त्री को इतनी प्राथमिकता नहीं दी जायेगी ! ये अक्सर भेदभाव या लिंगवाद के द्वारा ही उत्पन्न होता है ! इसके मुख्य कारण गरीबी, लिंग, धर्म, और जाति है ! लैंगिक भेदभाव, सामाजिक मानदंडो और प्रयासों के प्रचलन के कारण, लड़कियों के बाल विवाह, किशोरावस्था  में गर्भधारण, बाल घरेलु कार्य, ख़राब शिक्षा प्रणाली, ख़राब  स्वास्थ्य, यौन शोषण, शोषण और हिंसा की संभावना बढ़ जाती है इनमे

स्वच्छता एवं हाइजीन किट का स्कूली बालिकाओ को वितरण

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  स्वच्छता में ही स्वस्थ शरीर का वास होता है अगर हमारा स्वास्थ्य स्वच्छ व हाइजीन रहेगा तो कोई भी व्याधि हमारे शरीर को नुक्सान नहीं पंहुचा सकती है ! हम सम्पूर्ण जीवन आरोग्य रहकर व्यतीत कर सकते है ! स्वच्छता एक आदत है जो हमे रोजमर्रा के जीवन में नियमित रूप से करनी होती है जिससे हमारे शरीर में कीटाणुओं का प्रवेश न हो सके ! यह एक दैनिक प्रकिर्या है जिसमे शौच, नहाना, स्वच्छ वस्त्र पहनना , अच्छा भोजन करना, निंद्रा पूरी लेना आदि गतिविधियाँ समाहित होती है ! जो हमे स्फूर्ति देती है !और कार्य करने की क्षमता का वर्धन करती है !यह आदतें बाल अवस्था से अपनाना अति आवश्यक है ! इसके न करने से कई दुष्प्रभाव हो सकते है ! व् कई बीमारियाँ हमे ग्रसित कर सकती है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इस वर्ष भी सभी ग्रामीण स्कूली बालिकाओं के साथ स्वच्छता एवं हाइजीन किट का वितरण का कार्यक्रम किया जा रहा है ! जिसमे स्कूल की 50 बालिकाओं को यह सामग्री वितरण की जा रही है ! इसमें उनको नेलकटर, रुमाल, सेनेटरी नेपकिन, नहाने का साबुन, कपडे धोने का साबुन, हेयर आयल, टूथ ब्रश, टूथ पेस्ट, आदि सामग्री दी जा रही है ! जो उनको

शिक्षा दान नहीं धर्म यह सबके हक़ का अधिकार बने

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मेरा नाम किशन शर्मा है में अजमेर के मुहामी गांव में रा.उ.मा.वि. के प्रिंसिपल के रूप में कार्यरत हूँ पिछले कुछ वर्षो से राजस्थान समग्र कल्याण सस्थान द्वारा हमारे स्कूल में गरीब ,निर्धन , विकलांग ,असहाय ,अनाथ, बच्चों के साथ शिक्षा विकास हेतु बहुत सारे कार्यक्रम शाला में करवाये जाते है जिसमे ज्यादातर स्कूली छात्राओं की शिक्षा को बढ़ावा दिया जाता है ! जिन्हें हमारा समाज आज भी पिछड़ेपन की दृष्टि से देखता है हमारे समाज में बालिका को शिक्षा के लिए बढ़ावा व् प्रोत्साहन कम देखने को मिलता है आज के इस बढ़ते हुए समाज के कुछ लोगों के कारण ही बालिकाएं स्वत्रत रूप से शाला में अध्धय्यन को जा रही है जिसमे राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान इस कड़ी में अपनी अहम् भूमिका निभा रही है समाज के वंचित छात्रों को इनके द्वारा एक सुनहरा मौका व् अवसर प्रदान किया जा रहा है जिसमे व् शिक्षा प्राप्त  कर अपनी  बौद्धिक क्षमताओ का विकास करे व् अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सके ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ऐसी 25 बालिकाओं  को शिक्षण सामग्री व् जरुरत की सभी वस्तुएँ दी गई जो शिक्षा हेतु वर्ष भर उसके काम आएगी ! इसमें उनको स्कूल

घुमन्तु परिवारों के साथ मेक ए विश कार्यक्रम ( बारिश से बचाव )

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा स्लम व् झुग्गी झोपडी व् निचली बस्तियों में संस्था प्रतिनिधियों ने गरीब बच्चो व् परिवार जनो के साथ मेक ए वीश कार्यक्रम किया गया ! जिसमे एरिया के सभी बच्चों के साथ बारिश में हमे हमारे शरीर का कैसे बचाव करना चाहिये क्योकि वर्षा में भीगने के कारण हमे सर्दी जुखाम, बुखार, हाथ पैर दर्द, पेट की परेशानी व् कई और समस्याएं भी हो जाती है ! ज्यादा पानी भराव क्ष्रेत्र में हमे संभलकर रहना चाहिए इसमें फिसलन बढ़ जाती है और पानी से खतरा उत्पन्न हो सकता है बिजली के पोल वाले स्थानों से भी दूर रहना चाहिये क्योकि बिजली से करट लगने का खतरा भी बढ़ जाता है !  सर्वप्रथम इस कार्यक्रम में बच्चों को शामिल किया जाता है गरीब तबके के बच्चों के पास हर वस्तु का अभाव होता है इसलिए संस्था द्वारा बारिश से बचाव हेतु बच्चों को जूते मौजे का वितरण किया गया ! जिसको पहनकर वे अपने नंगे पैर व् शरीर का इस बारिश से बचाव करेंगे और अपने शरीर को स्वस्थ्य रख सकेंगे ! समय समय पर इन बच्चों को इनकी आवश्यक्तानुसार जरूरत की सभी वस्तुएं प्रदान की जाती है ताकि इनको भी लगे हम भी दूसरे बच्चो जैसे ही है ! उन बच

स्लम एरिया के बच्चो को शिक्षा से जोड़ना

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अजमेर शहर के आसपास झुग्गी झोपडी वाले इलाके, स्लम एरिया व् डेरों निचली बस्तीयो में रहने वाले गरीब व् निर्धन बच्चों के लिए शिक्षा दिलाने हेतु पाठशालाये चलाई जाती है ! जहा उनको रंग ज्ञान, अक्षर ज्ञान, जोड़बाकी, व् कहानियाँ,कविताये सिखाई जाती है जिसमे इन गरीब बच्चो में शिक्षा के प्रति ललक जागे और यह सभी स्कूल जाने व् शिक्षा प्राप्त करें ! इनको स्कूल से जोड़ने के लिए पहले शिक्षा के स्वरुप को समझाया जाता है ! अनुशासित बनाया जाता है ! व् जिज्ञासा और ललक बढ़ाई जाती है ! तद्पश्चायत उनके प्रवेश संबंधी सभी दस्तावेज जाँचे जाते है ! जैसे जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड, जन आधार कार्ड, भामाशाह व् माता पिता के पूर्व दस्तावेज भी उनके पास उपलब्ध होने चाहिए जिसके फलस्वरूप उनको आसानी से स्कूल में शिक्षा प्राप्ति हेतु दाखिला मिल सके इसके लिए संस्था प्रतिनधियों द्वारा उनका भरपूर सहयोग किया जाता है ! शिक्षा हर मानव का अधिकार है ! जो उसके जीवन को चहुँमुखी बनाता है ! व् सकारात्मक विचार उत्पन्न करता है माँ बाप की असमर्थता के कारण बहुत से बच्चे पढ़ना तो चाहते है ! मगर आ

उम्मीदों के घर ( चिड़ियाघर )

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सच कहा है किसी ने घर बिना संसार अधूरा है न पहचान मिलती है न आसरा उसे.....राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान इसी संदर्भ में हमारे भारत में पाए जाने वाले एक नन्हे जीव के लिए उम्मीद की किरण बनकर जहा में उभरा है ! जो उनको रहने के लिए आसरा व् दानापानी के लिए फीडर उपलब्ध करता है ! बयां एक छोटा सा पंछी है जो घरो ,पेड़ो, इमारतों पर अपना घास फूस का एक छोटा सा घोंसला बनाकर रहती है ! प्रदूषण,वायुमंडल,वातावरण परिवर्तन,केमिकल उपयोग,मानवीय दखल व् ओद्योगिकरण के चलते इसकी संख्या में बहुत तेजी से गिरावट देखने को भारत में मिली जो अब मानवीय अथक प्रयासों के कारण इनकी संख्या में कुछ इजाफा हुआ है !  संस्था ऐसे कई पर्यावरणीय प्रेमियो को इस बयां के रहने हेतु चिड़ियाघर व् फीडर उपलब्ध करवाती है ! जो इनके बचाव या पर्यावरण में स्थिरता लाना चाहते है ! यह पक्षी सामाजिक प्राणी है ! जो समूहों में रहता है ! यह अपने जोड़ों के साथ रहता है ! और प्रजनन करता है ! यह हमारे  घरो के आस पास खेतों में और ऐसी जगह आसानी से उपलब्ध हो जाते है ! जहा इनको भोजन प्राप्ति की सुविधा मिल सके यह पक्षी पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने के लिए बहुत सहा