महिलाओं का सम्मान: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सशक्तिकरण और समानता


नारी शक्ति, अभिमान, ज्ञान, त्याग, बलिदान, की मूरत है। हमारा भारतीय समाज सर्वप्रथम नारी पूजने से ही अपने कार्य को प्रारंभ करता है। महिलाएं जीवन को गति प्रदान करती है। हमारे यहां नारी को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। महिला दिवस कार्यक्रम का अर्थ है महिलाओं की अहमियत को समझने के लिए लोगों को जागरूक करना उनके लिए ऐसे समाज का निर्माण करना जहां महिलाएं खुद को जुड़ा हुआ और सशक्त महसूस करें। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन का महत्व सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों में महिलाओं के अधिकारियों और तरक्की के प्रति जागरूकता को बढ़ाता है। इसका उद्देश्य महिलाओं को समाज में समानता, समरसता और सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करना है।


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा 8 मार्च 2024 को अजमेर के लामाना व नारेली गांव में बड़ी धूमधाम के साथ महिला दिवस कार्यक्रम मनाया गया | जिसमें लगभग 1475 महिलाएं शामिल हुई। महिला जागरूकता और महिला सशक्तिकरण की भावना से संस्था द्वारा उनके साथ सगोष्ठी, नाटक, नृत्य, प्रतियोगिता, रेस, खेलकूद, बैनर, चर्चा, प्रश्नोत्तरी के माध्यम से कई आयोजन हुई। महिला अधिकारों व कार्यों की बेहिचक खुलकर चर्चा की गई। इसमें उनके स्वास्थ्य के साफ-सफाई का विषय भी सम्मिलित किया गया महिलाएं राष्ट्र व समाज में पुरुषों जितनी सक्षम है महिलाएं हर क्षेत्र में अपना हुनर दिखा रही है और समाज के विकास में योगदान दे रही हैं। हालांकि आज भी महिलाओं को पुरुषों के समान समान अवसर नहीं मिलते। इसकी एक वजह महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में पता ना होना है। एक ही क्षेत्र में एक समान काम करने वाले पुरुष की आय महिला से अधिक है।


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान महिलाओं को एक मंच उपलब्ध कराता है जहां पर महिलाएं स्वच्छ रूप से अपने विचारों की अभिव्यक्ति जाहिर करती है। उनकी विचारधाराओं को वृहद बनाया जाता है और संक्रीणऺताओं को समाप्त किया जाता है। इस दिन समाज में प्रभावशाली महिलाओं का संस्था द्वारा सम्मान किया जाता है। व महिलाओं को साहसी वह शारीरिक रूप से मजबूत बनने का संदेश दिया जाता है। एक विकसित राष्ट्र के लिए उसकी प्रगति में महिलाओं की भागीदारी अहम होती है क्योंकि नारी अपने अंदर एक वैचारिक कांति लाकर अपनी और समाज की भलाई में बेहतरी का मार्ग प्रशस्त करती है। आज समाज की हर बेटी, बहू हर क्षेत्र में अपना नाम कमा रही है और आगे बढ़ रही है।


समाज में रह रही हर बेटी को शिक्षा प्राप्त हो, समानता का अधिकार हो और सशक्तिकरण की राह प्रशस्त हो। इसके लिए नारी शक्ति को जागना होगा और अपनी आवाज बुलंद करनी होगी। इसके लिए संस्था द्वारा हर कार्य में नारी का सहयोग वह सम्मान किया जाता है। महिलाएं परिवार की संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और घरेलू संगठनों में सुधार करने में सहायक होती हैं। शिक्षा और संस्कृति विकास में इनका महत्वपूर्ण योगदान होता है। उनके माध्यम से ही समझ में ज्ञान और सांस्कृतिक मूल्यों का प्रचार प्रसार होता है।

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