"उद्यमिता विकास से ग्रामीण जीवन में सुधार: संस्थान की एक अनूठी पहल महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम"
राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा स्वयं सहायता समूहो का 1 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम रखा गया है जो उनमें बचत करने के अवसरों को आगे की और ले जायेगा ! और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में उनकी सहायता प्रदान करेगा। उद्यमिता का अर्थ है बदलाव की तलाश करना , उसका जवाब देना और उसका दोहन करना। उद्यमी वह होता है जो जोखिम को समझते हुए लाभ की उम्मीद में व्यवसाय स्थापित करता है उद्यमिता का प्राथमिक उदेश्य बेहतर वित्तीय स्थिरता का निर्माण करना है इसके माध्यम से राष्ट्र को आर्थिक विकास का लाभ भी मिलता है !
संस्था द्वारा विभिन्न गतिविधियों के द्वारा इन महिलाओ को शिक्षित किया जाता है जिसमे कई तरह के ज्ञानवर्धक खेल सम्मिलित किये जाते है ! जैसे साप सीढ़ी गेम , गुब्बारे का गेम , गिलास का खेल , अखबार का गेम सम्मिलित है ! व् इसके साथ पोस्टर समझाईश , सेल्फी, सम्बोधन, विचार विमर्श इत्यादि किये जाते है जो उन्हें प्रेरणा देने का कार्य करते है ! संस्थान हमेशा सबके सर्वोपरी हित की बात करता है ! जिसमें सबका भला निहित हो और सभी उद्यमशील बने। ( ई डी पी ) एक सोच प्रक्रिया है जिसका उपयोग उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करना और छोटे व् मध्यम आकर के व्यवसायों ( एस एम ई ) का विस्तार करना है ये पहल लोगो को उनके उद्यमशीलता लक्ष्यों को प्राप्त करने और सक्षम करने के कौशल व् आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाती है।
इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों मे आर्थिक अवसरों को बढ़ाना और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करना है ! स्वयं सहायता समहू के ग्रामीण उद्यमियों के लिए आजीविका विकास विकल्प बनाने की दृष्टि से राष्टीय कृषि और ग्रामीण बैंक सूक्ष्म उद्यमिता विकास कार्यक्रम , आजीविका और उद्यम विकास कार्यक्रम को बढ़ावा दे रहा है ! जिसमे इनको वित्तीय सहायता मिलती है और कौशल विकास इसका एक मत्वपूर्ण घटक है ! जिसमे ग्रामीण महिलाओं के जीवन में सुधार कर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत और सशक्त बनाने में उनकी बहुत सहायता करेगा ! जो आर्थिक रूप से मजबूत समाज की संरचना बनायेगा !
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