"महिला हिंसा के खिलाफ जागरूकता : समाज में समानता और सुरक्षा का संदेश"


महिला हिंसा मानवीय व्यवहार का वो कृत्य है जो मानवता को शर्मशार करता है। और समाज में हमारी गिरी हुई मानसिकता को दर्शाता है। हमारे आस- पास महिला हिंसा के कई रूप प्राय हमें देखने को मिल जाते है जिसमें एक पुरुष प्रधान समाज की नकारात्मक छवि प्रकट होती है। महिला को सामान अवसर और समानता न देना , उनका शोषण व् विरोध करना, और किसी सम्मानीय अवस्था में न लाना महिला हिंसा को प्रदर्शित करता है। महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा दुनिया के सबसे प्रचलित मानवाधिकार उलांघनो में से एक है। जो दुनिया के हर कोने में हर दिन कई बार हो रही है। इसका महिलाओं और लड़कियों पर गंभीर अल्पकालिक और दीर्धकालिक शारारिक, आर्थिक,मनोवैज्ञानिक परिणाम होता है। जो समाज में उनकी पूर्ण और समान भागेदारी को रोकता है।  व्यक्तियों और परिवारों व् पुरे समाज के जीवन में इसके प्रभाव की भयावहता अथाह है। 


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा शहर के झुग्गी-झोपड़ी ,स्लम, स्ट्रीट, डेरों में व् निचली बस्तियों के बच्चों के साथ महिला हिंसा रोकथाम व् नियम कानून के बारे में जागरूकता कार्यक्रम किया गया। इस 1 दिवसीय कार्यक्रम में बालिकाओ के प्रति हो रही हो रही महिला हिंसा को पोस्टर फिलिप चार्ट , सेल्फी, अभिभाषण के द्वारा विस्तृत रूप से समझाया गया। महिला हिंसा में लिंग आधारित हिंसा, सहमति, घरेलु हिंसा, आर्थिक हिंसा, मनोवैज्ञानिक हिंसा, भावनात्मक हिंसा, शारारिक हिंसा, यौन हिंसा आदि के बारे में सविस्तार पूर्वक बच्चों को इस विषय पर समझाया गया। आज के चलन में ऑनलाइन हिंसा का प्रकार भी छाया हुआ है जिसमें धमकी देना, सन्देश भेजना, बिना सहमति के सेक्सटिंग, डोक्सिंग आदि प्रकार शामिल है। 


संस्थान प्रतिनिधियों ने बताया इन हिंसाओ में कई प्रकार के विषय, बातें समाहित है जो महिला हिंसा को दर्शाती है। संस्था पुरजोर इसका विरोध करती है। और महिला सामान अधिकार भी बात करती है जिसमे महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार भी बात करती है जिसमे महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार, सम्म्मान, न्याय, मान, इज्जत सभी समान रूप से प्राप्त हो सकें इसके बचाव हेतु कानून के द्वारा बहुत से नियम व् कानून बनायें है जो इसकी रक्षा कर इन्हें सुरक्षा प्रदान करते है। भारतीय परिप्रेक्ष्य अभी महिलाओं का स्तर इतना सक्षम नहीं बन पाया है परन्तु क़ानूनी सुरक्षा इन्हे पूर्ण अपने विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान करती है। समाज के हर वर्ग की महिला को समान समझा जाए उनके साथ समानता का व्यवहार किया जाए। यह कार्यक्रम सभी बच्चों को बहुत अच्छा लगा जो ज्ञान के साथ एक साथ समझ विकसित करता है। और सामाजिक परिवेश को को मजबूत बनाने में सहयोग देता है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Rajasthan Samgrah Kalyan Sansthan (RSKS

Stand Together Against COVID-19

The Victory !! Dussehra Mahotsav !!