"महिलाओं के खिलाफ हिंसा : महिला सशक्तिकरण अभियान जागरूकता पहल"
दुनियाभर में तीन में से एक महिला शारारिक या यौन हिंसा का अनुभव करती है जयादातर उसके अंतरंग साथी द्वारा महिलाओ के विरुद्ध हिंसा शब्द का तात्पर्य लिंग आधारित हिंसा के किसी कृत्य से है जिसके परिणामस्वरूप महिलाओ को शारारिक , यौन या मनोवैज्ञानिक क्षति या पीड़ा होती हैं ! महिलाओं के खिलाफ हिंसा एक चिंता का विषय बनता जा रहा है ! इसे रोकने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार व् सामाजिक संस्थानों द्वारा अनेके कार्य किये जा रहे जो उन्हें सुरक्षा और शिक्षा दोनों प्रदान करते है !
राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के सदस्य इस और ग्रामीण स्तर पर महिला व् बालिकाओं के साथ अनेको कार्यक्रम करवाये जाते है ! जिसमे उनको इस विषय पर समस्त जानकारी देते हुये सावधानी पूर्वक समझाया जाता है ! यह बहुत व्यापक है और इसमें यौन , भावनात्मक ,मनोवैज्ञानिक और वित्तीय दुर्व्यवहार शामिल है ! यह मुख्यत 2 प्रकार की होती है ! ( 1 ) घरेलु हिंसा ( 2 ) पारिवारिक हिंसा और यौन उत्पीड़न ! वास्तव में यह दोनों ही मानसिक अशांति को अंदर समाहित करती है ! यह दोनों अपराध तुल्य क्रियाये है ! संस्थान ग्राम, बस्ती, झोपडी वाले इलाके आदि में जाकर स्टाप वायलेंस कार्यक्रम करवाते है ! जिसमे उनको वो बातें बताई जाती है ! जो इस कार्य को बढ़ावा देती है और कैसे हम इसका बचाव कर सकते है इस कार्यक्रम में पोस्टर , सेल्फी, रैली, अभिव्यक्ति , विचार - विमर्श , प्रशनोत्तरी द्वारा भी इस कार्यक्रम के माध्यम से उनको समझाया जाता है !
हमारा अनूठा दृश्टिकोण इस मुद्दे की जटिलता और इसके परस्पर सम्बंधित कारकों पर जोर देता है ! जिसमें घरेलु हिंसा , यौन हमला, यौन उत्पीड़न , पीछा करना , गर्भपात, लिंग पात , लिंग जांच , कामुकता और नस्ल के आधार पर घृणा करना भी इसमें शामिल है ! हमारी न्यायिक प्रणाली और आर्थिक कारणों से हिंसा को बढ़ावा मिलता है ! इन सबके लिए समाज उच्च शिक्षा की और अग्रसित करना पड़ेगा जो इनको सकारात्मक सोच और सबलता प्रदान करता है ! संस्थान समाज में एक साफ़ व् स्वच्छ वातावरण का निर्माण करना चाहती है जहां महिलायें अपनी आजादी पूर्ण जीवन को व्यतीत कर सके और समाज में बिना किसी भेदभाव के महिला को वही सम्मान और आदर प्राप्त हो जो एक पुरुष वर्ग को प्राप्त होता है ! हमे कही ना कहीं अपनी मानसिकताएं बदलनी होगी ! पुराणी रूढ़िवादिता को समाप्त कर एक नए सभ्य समाज की रचना को पूर्ण करना होगा ! महिलाओँ के प्रति भेदभाव तथा पुरुषों और महिलाओं के बीच शक्ति और संशाधनों के वितरण में असमानता महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के मूल कारण है !
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