विविधता में सदभाव: सामाजिक न्याय का मार्ग प्रशस्त करना



मेरा नाम राखी है। मैं कक्षा आठवीं की छात्रा हूं और पास के भांवता गांव में पढ़ती हूं। प्रकृति ने हम सबको एक समान बनाया है। फिर भी हमारे समाज में कई तरह की असमानताएं देखने को मिलती है जिसमें लिंग भेदभाव, जातिवाद, भाषा,रंग भेदभाव वह कई असामाजिक कुरीतियां व प्रथाएं हमारे समाज में विद्यमान है। मानवता हर इंसान का परम धमऺ है। हमको समान रूप से खाने,पीने ,पढ़ने,अभिव्यक्ति,व स्वतंत्रता का अधिकार है।हम सब एक समान है इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों का ध्यान आपसी समानताओं की और आकर्षित करना है।


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा हमारे स्कूल में इस विषय पर एक दिवसीय कार्यक्रम रखा गया, जिसमें बताया गया हम सब समान हैं। कोई अमीर गरीब नहीं होता  कोई हिंदू मुस्लिम का भेद न हो,सबको शिक्षा,समानता व स्वतंत्रता का अधिकार हो,कोई लिंग भेद न हो, बेटा -बेटी सब एक समान हो, कोई रंग भेद ना हो ना,  और किसी को  भी किसी तरह से नीचा दिखाया जाए । हम सब मानव अच्छी सोच रखते हैं। जीवन को जीने का आदान-प्रदान ही हमारा मूल मंत्र है। हम सभी आपसी सौहार्द बनाए रखें और अच्छे जीवन की कामना कर अपने देश की प्रगति को सुनिश्चित करें। धर्म ,जाति , संस्कृतियों में ना बंटे | अपने मुख सवाद से सभी को प्रेरणा देने का कार्य करें।


यहां हर तरह की समानता से ही हम एक समान हो पाएंगे क्योंकि जाति,भाषा ,संस्कृति ,धर्म,रहन-सहन ,रंगभेद में हम कहीं ना कहीं बंटकर रह जाएंगे। इसलिए जीवन को जीने का सबको समान अधिकार हो। मानवता की धरोहर को बचाने के लिए यह कार्य अति आवश्यक है। इसलिए हम सबको समाज में समानता की दृष्टि रखती होगी। वह इसी आधार पर समाज में समानता का भाव लाना होगा जिससे हम सब एक समान है और इस कार्यक्रम का लक्ष्य पूरा हो सके।


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का यह कार्य समाज में एक प्रेरणा स्रोत का काम करता है। हम सब यहाँ समान रूप से रहते हैं। इसलिए समानता का यह भाव सभी के दिल में जगाने की बहुत आवश्यकता है जिससे हम अपने देश को विकासशील से विकसित बना सके।

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