"महिलाओं में उद्यमिता: आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम व कुटीर उद्योगों का भविष्य "


जीवन में धन अर्जित करना व् जीवन का सुव्यवस्थित संचालन करना अतिआवश्यक है इसके लिए किसी कार्य का होना व् उसमे निपुणता हासिल करना जरुरी होता है यह जरुरी नहीं पूर्ण शिक्षा के बाद ही कोई काम कर सकता है जो काम पड़े लिखे है वो भी अपने छोटे मोटे कार्य को कर के अच्छा धन अर्जन कर सकते है यह छोटे उद्योग हमे अच्छा धन मुनाफा प्रदान करते है ये कई तरह के होते है कुछ हाथ करघा उद्योग होते है तो कुछ पशुपालन सम्बन्धी तो कई कृषि सम्बन्धी होते है इन्हे सफलतापूर्वक जीवन में संचालित करना ही उद्यमिता कहलाया जाता है ! एक कुशल व्यक्ति अपने कुशल नेतृत्व के जरिये अपने छोटे से व्यवसाय को और भी बड़ा कर सकता है ! यही सफलता का सोपान होता है ! 


सरल शब्दो में अगर इसे व्यक्त करे तो जीवन कौशल विकास एक आजीवन प्रकिया है जो व्यक्तियों को बढ़ने और परिपक़्व होने में मदद करती है उन वास्तविकताओ को पहचानना जिन्हे बदला नहीं जा सकता और उन्हें स्वीकार करना , व् अपने महत्त्व को पहचानना , सभी लोग एक सामान नहीं होते तथा इस प्रकार की विविधता का इस क्षेत्र में होना अच्छा है ! जीवन कौशल में व्यक्ति के समग्र व् सम्पूर्ण व्यक्तित्व को ध्यान में रखा जाता है ! यह किसी भी तरह की परिस्थिति को सभालने की ताकत देता है और किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए साहस देता है !


जबकि नेतृत्व एक ऐसी टीम बनाने की क्षमता रखता है जो अपने प्रतिस्पर्धियों के सापेक्ष अच्छा प्रदर्शन करती है ! यह लोगों को प्रेरित करने, प्रभावित करने और सशक्त बनाने में केंद्रित है वही प्रबंधन एक विशिष्ट सगंठनात्मक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कर्मचारियों की नियंत्रित दिशा पर केंद्रित है  एक कुशल नेतृत्व वाला व्यक्ति किसी भी परिस्थिति को अपने अनुरूप ढाल सकता है व् सटीक निर्णय लेने में  सक्षम होता है ! संस्था प्रतिनिधि अपने कुशल कार्य से सभी ग्रामीण महिलाओं के साथ यह कार्यक्रम करते है जिसमे वे पोस्टर प्रदर्शन , साँप सीढ़ी खेल के माध्यम से , गिलास खेल , रस्सी का खेल , घर बनाना , सवाल जवाब , सेल्फी आदि के द्वारा उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है ! इस रचनात्मक कार्य से सभी महिलाये उत्साह वर्धित रहती है  ! व् इस कार्यक्रम में जोरशोर से प्रतिस्पर्धा करती है !


इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओ में उद्यमिता व् नेतृत्व क्षमता का विकास करना है और भारत के कुटीर उद्योगों विकास करना भी है जिससे हमारी आर्थिक व्यवस्था का सुधारीकरण सुदृढ़ हो और सभी व्यक्ति सक्षम बन सके ! इस कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं की अब रूचि बाद रही है और ये काम काजी महिला शक्ति अब इस लघु उद्योगों को संचालित कर खुद को समाज में स्थापित कर रही है !

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