"जीव रक्षा का धर्म: बयां पक्षियों के लिए योगदान पर्यावरणीय जागरूकता


भगवान् के द्वारा संसार में बनाई हर रचना अद्भुत और अद्वितीय है कही तो ये जीव रूप में  बड़े तो कही छोटे रूप में विधमान है ! मेरा नाम अतुल गोस्वामी है ! मै शुरू से एक पर्यावरणीय प्रेमी हूँ ! और मैंने अपने घर के आस पास पेड़ पौधे लगा रखे है ! जिन्ह पर कई जाति के पंछी आते है ! और अपना बसेरा बसाते है ! साथ ही मैंने अपने स्थान पर उनको खाने योग्य दाने की व्यवस्था भी कर रखी है ! जिससे वो अपना पेट भर सकती है ! एक दिन मैंने अपने कंप्यूटर में इस विषय पर मैंने राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के बारे में सुना जो पर्यावरण बचाव हेतु बयां पक्षी के बचाव के लिए एक अभियान चला रखा है ! जिसमे बयां को सुरक्षित जीवन चक्र संचालित करने हेतु वह एक चिड़ियाघर और फीडर की व्यवस्था मुहैया करवाते है ! 


इसे पढ़ने के बाद मैंने राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान से संपर्क किया और इस विषय की उनसे पूर्ण जानकारी प्राप्त की फिर उसके पश्चायत उनसे मैंने 5 चिड़ियाघर व् 5  फीडर हेतु फॉर्म भरकर उनसे आवेदन किया ! उन्हें प्राप्त करके मैंने अपने आँगन व् पेड़ो पर इन चिड़ियाघरों को स्थापित किया और उनके खाने की व्यवस्था फीडरों में की ! कुछ समय पश्चायत बयां पक्षी द्वारा इसमें अपना घोंसला स्थापित किया और दिन रात उनकी चचाहट से ये घर और आँगन गूँजने लगा ! जिसे देखकर मैं और मेरा परिवार बहुत खुश हुआ ! पर्यावरण प्रदूषण और वृक्षों की लगातार कटाई से इनकी संख्या में भारी गिरावट आई है ! जिससे इनकी संख्या बिलकुल नगण्य सी हो गई है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का यह सहयोग बेमिसाल है ! जिसके कारण इनकी संख्या में दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है ! जो काफी कबीले तारीफ है ! 


एशिया और अफ्रीका देशो में इसकी संख्या पहले बहुतायत रूप में देखी जाती थी ! परन्तु धीरे धीरे इसकी संख्या में गिरावट की वजह सभी मानवीय है ! अब इन मानवो से ही इनका जीवन सुरक्षित किया जा सकता है ! जिसमे सभी मानव जाति का सहयोग अति आवश्यक है ! यह नन्हा सा पक्षी कुछ भी खाकर अपना जीवन यापन कर लेता है ! इसका मुख्यत भोजन बीज, फल, फूल, छोटे कीट आदि है ! जो इसके आहार में शामिल है ! जीव रक्षा करना हर मानव का धर्म है हमारे एक कौर मात्र से सुबह शाम का भोजन इसे मिल सकता है ! मात्र जरा सा सहयोग करके हम किसी के जीवन को बचा सकते है ! संस्थान इस विषय पर कई जगह पर्यावरण बचाव के कार्यक्रम करती है ! जिसमे पोस्टर, सेल्फी, रैली, सम्बोधन , चित्रकला प्रतियोगिता व् प्रश्नोत्तरी के माध्यम से लोगो को जागरूक कर इसके बचाव हेतु कार्य किया जाता है !  जो भरपूर शब्दो मई अति प्रशंसनीय है ! किसी जीव पर दया करने का भाव ही मानवता कहलाता है ! जिसमे जीव रक्षा कार्य समाहित होता है ! जीव जगत के सम्पूर्ण जीवन चक्र को यथावत बनाये रखना बहुत आवश्यक है क्योकि इस श्रृंखला में हम सभी कड़ी से कड़ी के जैसे जुड़े है !

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