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सामाजिक उत्थान की दिशा में: राजस्थान में ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण और जीवन कौशल विकास

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रा जस्थान समग्र कल्याण संस्थान अजमेर दवारा ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जा रहा है जिस में लगभग 35 युवतिया भाग ले रही है। इस कार्यक्रम के भी  अलावा उनको जीवन सम्बन्धी कई मुद्दों पर चर्चाये व कार्यक्रम किया जाता है। जीवन शिक्षा उन्हें बढ़ने और विकसित होने के साथ किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में मदद करती है। इसमें निर्णय लेने की प्रकिया में मुद्दों को पहचाना  ,आकड़े एकत्र करना, संभावित कार्यवाही के तरीके तैयार करना , विकल्पों का मूल्यांकन करना और सोच समझ कर निर्णय लेना शामिल है। जीवन कौशल विकास कार्य का मार्ग है।  जीवन कौशल शिक्षा ,किशोरियों के सकारात्मक सामाजिक व् मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावी मनोसामाजिक हस्तक्षेप रणनीति पाई गई है। जो मुकाबला करने की रणनीतियो को मजबूत करने और आत्मविश्वास व् भावनात्मक बुद्धिमत्ता विकसित करने जैसे सभी पहलुओ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जीवन कौशल युवाओ में जीवन की वास्तविकताओ का सामना करने के लिए मानसिक  स्वास्थ्य एवं क्षमता को प्रोत्साहित करते है। इस मई हमें आत्मसम्मान, जागरूकता, सहानभूति, महत्वपूर्ण, सोच, रचनात्मक

संस्कार शिक्षा व्यवहार परिवर्तन कार्यक्रम

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शि क्षा मानव व्यवहार परिवर्तन करने का सबसे बड़ा अंग है। शिक्षा से ही ज्ञान, कर्म, श्रद्धा प्राप्त होती है। जो उनके जीवन में बदलाव लाती  है। शिक्षा जीवन  का अनमोल उपहार है। जो वयक्ति के जीवन की दिशा और दशा दोनों बदल देती है। और संस्कार जीवन का सार है। अगर आपके संस्कार सही है तो आपकी शिक्षा भी सही दिशा में जाएगी हमारा दायित्व है समाज की इस बढ़ती युवा पीढ़ी को सही मार्ग दिखाए। ताकि आने कल अच्छा हो , स्कूल में शिक्षा व् घर पर संस्कारो को लेकर उनके साथ रोजाना बातचीत की जाये तो बच्चे स्वयं ही नैतिक मूल्य व् संस्कारो के प्रति सजग रहेंगे। जिस से हमारा दायित्व भी पूरा हो जायेगा।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्व्रारा सहर के स्लम भागो में , झुगी - झोपड़ियों इलाके , कच्ची बस्तियों में गरीब बच्चो के साथ संस्कार शिक्षा व् व्यवहार परिवर्तन पर कार्यक्रम में साँप - सीढ़ी गेम के माध्यम से इस विषये पर बच्चो को पूर्ण जानकारियाँ दी जाती है। जिस से उनका मानसिक विकास बढ़े। और उनकी बौद्धिक समताये भी विकसित हो सके। यह नैतिक विकास करता है व् हमारी सोच में सही गलत को जानने , पहचानने, की समताये विकसित करता है। इस से

क़ानूनी जागरूकता: महिलाओं और बालिकाओं के लिए सशक्तिकरण का माध्यम

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स माज के कमजोर और वंचित वर्गों निशुल्क और सक्षम क़ानूनी सेवाएं प्रदान करने की भावना और उद्देश्य विफल हो जायेगा यदि कमजोर वर्ग को उनके विभिन क़ानून और सवैधानिक अधिकारों के बारे जागरूक नहीं किया जा सका। निरक्षरता, वयक्ति को उसके साथ किये गए अन्याय को पहचाने में असमर्थ बनती है जब कोई वयक्ति बुनियादी मानवाधिकारो से अनभिज्ञ होता है तो सामाजिक कल्याण योजनायें प्रभावी नहीं हो पाती है। क्युकी वह सरकार दवारा अपने जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए दिए जाने वाले अवसरों का लाभ उठाने में असमर्थ होता है। क़ानूनी साक्षरता मानवाधिकारों को प्रदर्शित करता है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओ एवं बालिकाओ के साथ क़ानूनी अधिकार पर जागरूकता के बहुत से कार्यक्रम वर्ष भर किये जाते है। जिस में महिलाओ के क़ानूनी अधिकारों के बारे में सभी को विस्तारपूर्ण बताया व् समझाया गया। इस मई सबको फिलिप चार्ट के माध्यम से, कहानी व् नाटकीय रूपांतरण द्वारा, यौन उत्पीड़न, व् उसके रोकथाम और उसके उपाय, महिला हिंसा के बारे में और अपराधिक तत्वों से बचाव हेतु समस्त जानकारियाँ  महिलाओ को क़ानूनी अधिकार के बारे में

वृक्षारोपण से जुड़ी हमारी दायित्वपूर्ण संवेदनशीलता हमारी जिम्मेदारी

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  पर्यावरण मानवीय आवश्यकताओं की बहुमूल्य धरोहर है और हर मनुष्य को इसकी सुरक्षा व् संधारण करना अतिआवश्यक है वृक्ष हमारे जीवन को प्राण वायु देते है जिस से हमारा जीवन संचालित होता है व् जीवन की आवस्यकताओ की बहुत सी वस्तुओ की प्राप्ति का स्रोत्र भी यही वृक्ष होते है। आज मानव अपने स्वार्थ के लिए धरती से लगातार इसका विदोहन करता जा रहा है। जिस के कारण हर वर्ष तापमान बढ़ रहा है। और उसके फ़लस्वरूव जलवायु परिवर्तन हो रहा है। अगर सब कुछ ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन धरती हमारी वृक्ष विहीन हो जाएगी।   पर्यावरण के इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान इस धरा पर हर वर्ष पौध वितरण कार्यक्रम किया जाता है। जिस में ग्रामीण जनता को वृक्षों से होने वाले लाभ की अनेको जानकारियां दी जाती है। जिस से हमे जीवनदायनी प्राणवायु , लकड़ी, फल, गोंद, पत्ते, फूल, व् कई प्रकार की औषधीया भी पाई जाती है। यह प्रकर्ति में कार्बनडाइऑक्सइड को खत्म कर ऑक्सीजन का प्रवाह करते है। जो की हमारे जीने के लिए बहुत जरुरी है। प्रकर्ति में वृक्षों का बचाव बेहद जरुरी है। इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्व्रारा ग्रामीण जरूरतम

बच्चों के विकास में शिक्षा और संस्कार: एक दृष्टिकोण व् सम्पूर्ण विकास

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रा जस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा बच्चों के विकास के लिए व् भविष्य को सवारने हेतु अजमेर स्ट्रीट, स्लम, झुग्गी - झोपड़ी वाले इलाके में बच्चों के साथ संस्कार , शिक्षा ,एवं वयवहार परिवर्तन कार्यक्रम उनके साथ करके उनको इस सम्बन्ध को समस्त पूर्ण जानकारियां दी गई।  जिस मे उम्र के साथ शरीर में हो रहे परिवर्तन का ज्ञान उनके बीच बाटा गया। शहर के लगभग 12 स्थानों पर 400 बच्चों के साथ यह कार्यक्रम किया गया। सभी उम्र के बच्चे इस कार्यक्रम में अतिउत्साहित थे।  इस तरह के कार्यक्रम में इन बच्चों में बौद्धिक क्षमताओं का विकास होता है। उन्हें अच्छे व् बुरे का ज्ञान भी करवाया जाता है। जिससे भविष्य में उन्हें किसी भी कार्य को करने में पूर्ण जानकारी मिल सके। बच्चों के साथ इस कार्यक्रम में बहुत साडी गतिविधियां करवाई गई। जैसे साँप -सीढ़ी गेम , संस्कार और वयवहार परिवर्तन पर वीडियो दिखाया गया। चार्ट के माध्यम से सप्ताह , महीना ,वर्ष की जानकारी दी। व् जीवन को किस तरह हम अच्छा ,सुशोभित व् गतिमान बना सकते है इसकी भी सुक्षम जानकारिया दी गई।  मानव जीवन में व्यवहार ,व्यवस्था, प्रबंध,संस्कार का बहुत अधिक महत्व होता

मलेरिया से बचाव ही उपचार - एक पहल स्वस्थ्य भविष्य !!

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रा जस्थान सम्रग कल्याण संस्थान द्वारा कई सामाजिक सेवार्थ कार्य वर्ष भर करवाए जाते रहते हैं, जिसमें स्ट्रीट, स्लम एरिया में झुग्गी झोपड़ी वाले इलाके में रहने वाले लोगों के साथ बहुत से कार्यक्रम  किये जाते  हैं। इसके स्वास्थ्य व्  वातावरण को देखते हुए संस्थान द्वारा इन्हे मच्छरदानी वितरण कार्यक्रम इनके बीच में रखा जायेगा।  क्योंकि आसपास का वातावरण प्रदूषित होने से यहां मच्छर बहुत मिलते हैं जिससे मलेरिया फैलने  का डर रहता है बारिश का जल जमाव के कारण मलेरिया  बहुत तेजी से फैलता है। इसके संक्रमण से अनेक बीमारियों का पनपती  है। हर वर्ष हजारों की संख्या में इस बीमारी से लोग तेजी से मरते हैं। इसका बचाव बहुत ही आवश्यक है। इसके लिए उनके जागरूकता लाना बहुत जरूरी है।संस्था मलेरिया प्रभावित इलाको का सर्वे के उन लोगो को चिन्हित कर उनकी सूची तैयार करती है।  हमारे भारत में कई भागों में आज भी ऐसे इलाके है जो समस्या से बहुत ग्रसित  है। अत्यधिक गरीबी व संसाधन की पर्याप्त ना होने के कारण वह उसके बचाव के साधन  उपयोग में नहीं ला पाते हैं जिससे उनके बीच में बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इसके बचाव के लिए

विपरीत परिस्थितियों के विरुद्ध संघर्ष: एक छात्र की शिक्षा की यात्रा

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मे रा नाम सुलेखा है और मैं कक्षा 9 में पढ़ती हूं। मेरे पिता एक मजदूर है और मां गृहणी का कार्य करती है। हम कुल 4 भाई बहन हैं अकेले पिता कमाने वाले हैं और हम तीन बच्चे पढ़ने वाले हैं। बड़ा भाई भी अब मजदूरी करता है। हमारे खर्च के बाद हमारी पढ़ाई का खर्चा बहुत मुश्किल से उठाया जाता है मेरी आगे पढ़ने की इच्छा है मैं भी पढ़ लिखकर कुछ बनना चाहती हूं, परंतु गरीबी के कारण मेरा आगे तक पढ़ पाना संभव नहीं है। फिर एक दिन स्कूल में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के प्रतिनिधि आए और उन्होंने बताया जो छात्रा आगे पढ़ना चाहती है, परंतु किसी कारणवश अध्ययन कार्य में समस्या आ रही है तो उसे दूर करेंगे। फिर वह मेरे घर आए और मेरा सर्वे करके मेरे घर मेरी स्थिति को देखा |और मुझे आगे और पढा़ई करने की बात कही | कुछ दिन बीतने के बाद फिर संस्था द्वारा एक कार्यक्रम रखा गया जिसमें वो सभी छात्राएं जो आगे पढ़ने की इच्छुक है परंतु किसी कारणवश पढ़ नहीं पा रही है उनको छात्रवृत्ति देने हेतु यह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें संस्था प्रतिनिधि आए और उन्होंने हमको शिक्षा के महत्व, मूल्य इससे प्राप्त सुख के बारे में बताया। कि

दिव्यांगों के साथ साझेदारी समृद्ध समाज की नई दिशा

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अजमेर के ग्रामीण भागों में चिन्हित विकलांग जनों के साथ उनके हितार्थ  कई कार्य किए जाते हैं जिसमें उनके साथ बैठकर उनके विचारों को साझा किया जाता है। हाल के वर्षो  में विकलांगों के प्रति समाज का नजरिया तेजी से बदला है। यह माना जाता है कि यदि विकलांग व्यक्तियों के समान अवसर तथा प्रभावी पुनर्वास की सुविधा मिले तो मैं बेहतर गुणवत्तापूर्ण जीवन व्यतीत कर सकते हैं। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम के सदस्य दिव्यांगों के घर-घर जाकर उन्हें मीटिंग करने के लिए आमंत्रित करते हैं जिसमें उनके विचार, परेशानियां, समस्याओ को पूछा व् समझा और वह लिखा जा सके क्योंकि स्थिति वह परिस्थिति के अनिरुद्ध सबकी अपनी दिक्कत व परेशानियां होती है। भविष्य में उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों के बारे में चर्चा की जाती है। वह जागरूकता पूर्ण बातों को इस मीटिंग कार्यक्रम में समावेश किया जाता है जिससे उनको  हर विषय की बारीकी और गहनता का पता चल सके। जिसका वह बाद में लाभ उठा सकते है। संस्था के कुशल प्रतिनिधियों  के द्वारा उनके साथ कई और विषयों पर चर्चा की जाती है। उनकी आवश्यकताओं को स

शिक्षा की ओर: राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का बालिकाओं के लिए स्कूली शिक्षा कार्यक्रम

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इस प्रारंभ सत्र में स्कूली छात्रा की शिक्षा के स्कूल बैग व स्टेशनरी सर्वे कार्यक्रम रखा गया |  जिसमें जिले की गरीब, ड्रॉप आउट छात्रा के लिए अध्ययन हेतु बैग, कॉपी, किताब, स्टेशनरी आदि की सुविधा उस बालिका को प्रदान की जाएगी जिसकी पढ़ाई में दुविधा आ रही है या वह अपना अध्ययन कार्य नहीं कर पा रही है ऐसी बालिकाओं के लिए शिक्षा विकास के लिए यह सर्वे कार्यक्रम 80 गांव की 2150 बालिकाओं के साथ किया जाएगा | इस कार्यक्रम का उद्देश्य हर बालिका को शिक्षा प्राप्ति के लिए किया जाएगा जिसमें सभी बालिकाओं जो सर्वे के दौरान क्रियात्मक रूप से जुड़ेगी उन्हें इसका लाभ इसका लाभ अवश्य दिया जाएगा इसमें बालिका को वर्ष भर की अध्ययन सामग्री दी जाएगी जिससे वह बिना रूकावट अपना अध्ययन कार्य पूर्ण कर सके                 हमारे समाज में आज भी ऐसे परिवार हैं जो किसी ने किसी मजदूरी परेशानी, गरीबी, या कुरिती के चलते अपनी बेटियों को आगे पढ़ा नहीं पाते हैं और उसे बालिका को पढ़ाई के शुभ अवसर प्राप्त नहीं हो पाते हैं हमारा समाज आज भी कहीं ना कहीं इन संकीर्णताओ में घिरा है की बेटी को आगे तक

नवीकरणीय शिक्षा: सौर ऊर्जा परियोजनाओं से स्कूलों को लाभ

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  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा भीलवाड़ा जिले के चार गांव के अंदर चार सरकारी स्कूलों में सौर ऊर्जा सिस्टम का उद्घाटन समारोह किया गया। इसमें भीलवाड़ा के चार सरकारी स्कूलों का चयन कर सौर ऊर्जा सिस्टम लगाया गया, जिसमें स्कूलों में शिक्षा संबंधी कोई बाधा ना आये हरित क्रांति को सबल प्रदान किया जाए। भीलवाड़ा के अगरपुरा, दरियकृ, कृष्णवातों की खेड़ी, दांथल स्कूल में यह कार्यक्रम किया गया। इन सभी स्कूलों में 5 किलो वाट के सौर ऊर्जा सिस्टम लगाए गए जिसमें लगभग 450 बच्चों के साथ यह कार्यक्रम किया गया। इस कार्यक्रम में स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किया गया ताकि इन सभी को ऊर्जा के नवीनीकरण स्रोतों की जानकारी हो और वह उसका लाभ उठा सके। संस्था का उद्देश्य स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देना, ऊर्जा के नवीन संसाधनों का उपयोग करना, प्रदूषण रहित वातावरण बनाना, पेड़ों की रक्षा कर हरित क्रांति संदेश देना व बिजली का कम से कम उपयोग करना ये सभी संदेश सभी स्कूली छात्राओं को दिया। सभी बच्चों ने बड़े उत्साह के साथ इस कार्यक्रम में भाग लिया। आज के इस युग में हमारे पास ऊजाऺ संसाधन के कई विकल्प हैं, जिसमें सौ

आशा के धागे: त्रासदी से कुशल उद्यमिता तक

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मेरा नाम सुनीता है। मैं दसवीं कक्षा पास हूं। मेरे पति एक फैक्ट्री में कार्यरत हैं, परंतु कुछ दिन पहले उन्हें पक्षाघात मर गया जिसकी वजह से वह चल फिर नहीं पाते और काम पर भी नहीं जा पाते। हमारे घर के माली हालत ठीक नहीं है। इस वजह से मुझे कभी कभार मजदूरी करके अपना घर चलाना पड़ता है मुझे सिलाई आती थी मगर मेरा हाथ इतना साफ नहीं था। जिस वजह से मैं इस कार्य को आगे तक नहीं कर सकती। फिर एक दिन राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हमारे यहां सिलाई प्रशिक्षण हेतु सर्वे किया गया है जिसमें मैंने भी अपना नाम भी लिखवाया। उसके कुछ दिन बाद एक साक्षात्कार करके हमारे इस प्रशिक्षण शिविर को प्रारंभ किया गया। इस 90 दिवसीय कार्यक्रम में प्रत्येक 8 घंटे हमारी सिलाई की कक्षा चलेगी जिसमें हमें महिलाओं व बच्चों से संबंधित वस्त्र बनाना सिखाए जाएंगे और हमारे कौशल को निकाला जाएगा। इस कार्यक्रम की शुरुआत से हमें हाथों को साधना सिखाया गया, जिसमें एक कुशल कारीगर मास्टर ट्रैक्टर थी। उन्होंने बताया सिलाई कार्य में सबसे पहले इसके उपकरण व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। इस जानकारी के कारण ही हम अपना कार्य

आत्मनिर्भरता की ओर: एक महिला उद्यमिता की कहानी

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मेरा नाम नेहा वर्मा है मैंने स्नातक कर रखा है और अभी से घर पर ही रहती हूं। घर में माता-पिता व दो भाई हैं। पिता का छोटा सा कार्य है वे भाई पढ़ते हैं पढ़ने के बाद मेरी शुरू से इच्छा थी कि मैं कोई अपना व्यवसाय चलाऊं जिससे मुझे मेरा नाम और पैसे दोनों की प्राप्ति हो सके। सौंदर्य श्रृंगार में मेरी रुचि बहुत थी। सुंदर दिखना आकर्षण का परिचायक होता है और यही शुरू से मेरी इच्छा रही फिर मेरी सहेली से मुझे ज्ञात हुआ कि राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हमारे यहां ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है जिसमें सर्व के दौरान मैंने अपना नाम अंकित करवा लिया इसके लिए परिवार से मैंने सहमति ही प्राप्त कर ली। कुछ दिनों पश्चात यह प्रशिक्षण शिविर प्रारंभ हुआ। इसमें हम 30 महिलाएं थी। इस कार्यक्रम में हमें प्रत्येक दिन 8 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाने लगा, जिसमें महिलाओं के साज श्रृंगार के सभी काम हमें बारी-बारी सिखाए जाने लगे। 3 माह के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में एक कुशल मास्टर ट्रेनर के नेतृत्व में हमने अपना ब्यूटी पार्लर काम जारी रखा।   इस कार्यक्रम में हम सभी को साथ समय- समय पर अन्य और भी कार्य

बदलते भारत में महिलाओं का ब्यूटी पार्लर: विकास और सशक्तिकरण

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हमारा आज का भारत बदलता भारत है। यहां कई विकास की राहें खुली है संसाधन बढ़े हैं नई सोच विकसित हुई है वह आधुनिकता आई है। आज की नई इस दौर में सुंदर दिखने की प्रतिस्पर्धा में आगे आना चाहती है कि यही कारण से आज हर जगह महिलाओं का ब्यूटी पार्लर कार्य बहुत अच्छे तरीके से फल फूल रहा है। इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा युवा महिलाओं के लिए ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण कार्यक्रम गांव नारेली में रखा गया जहां संस्था द्वारा किए गए सर्वे में सभी में उत्साह दिखाते हुए अपना नाम दर्ज करवाया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन माह की अवधि का होता है जिसमें महिलाओं को साज श्रृगांर के संबंधित सभी कार्य सिखाए जाते हैं। प्रतिदिन 8 घंटे इसको चलाया जाता है जिसमें 25 से 35 महिला एक समूह बनाकर अपना कार्य करती है। इस कार्यक्रम में कुशल मास्टर ट्रेनर के नेतृत्व में सभी को प्रक्रियात्मक रूप से कार्य बताया जाता है जो कि हमारी रुचि में समाहित हो जाता है। इसमें महिलाओं के बाल काटना व सजाना, नाखून काटना, मेहंदी, वैक्सीन, फेस पैक, पेडीक्योर, स्टीम देना, मेकअप, ब्राइडल श्रृंगार, थ्रेडिंग, आईब्रो बनाना, ब्लीच, अनेक

आत्मनिर्भरता का निर्माण: सिलाई कौशल के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा सतत रूप से महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न कार्यक्रम किए जाते रहते हैं। संस्था द्वारा इन सभी कार्यों में महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ाया जाता है। वह उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाता है। इसमें जरूरत मंद महिलाओं को सर्वे किया जाता है जिसमें 30 से 35 महिलाओं का एक समूह बनाया जाता है। उसके बाद साक्षात्कार करके उनके विचार में गतिविधि पूछ कर आर्थिक गतिविधि से जोड़ने का कार्य प्रारंभ किया जाता है। शहर के पास में लामाना गांव में संस्था द्वारा सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें महिलाओं से संबंधित व बच्चों के कपड़े सिलना शामिल है। यह कार्यक्रम 90 दिवस का होता है जिसमें प्रत्येक दिन 8 घंटे उनके साथ मौखिक में व्यावहारिक कार्य किए जाते हैं ताकि इस गतिविधि को सीखकर यह सभी अपनी आर्थिक जीवन नैया को आसानी पूर्वक चला सके। इसमें सिलाई से संबंधित सभी बातें उनको बताई जाती है। जैसे सुईयों के प्रकार, उनके नंबर, कपड़ों के विभिन्न प्रकार, सिलाई के तरीके, इससे संबंधित सभी उपकरण के बारे में विस्तृत रूप से बताया जाता है। वह इसके कार्य जैसे धागा भरना, तुरपन, बखियां, गोट

भविष्य का निर्माण: बच्चों में अनुशासन और संस्कृति का पोषण

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  बच्चे आने वाले भविष्य का निर्माण करते हैं। यह देश की भावी पीढ़ी को अगर हम अनुशासन व संस्कार नहीं सिखाएंगे तो यह पथ भम्रित हो जाएंगे और अपना जीवन नष्ट कर लेंगे। अच्छे लक्ष्य प्राप्ति के लिए जीवन में अनुशासन में संस्कारों का होना अति आवश्यक है। यह अनवरत प्रक्रिया है जिसमें जीवन के समस्त क्रियाकलाप समाहित होते हैं। इन शिविरों में माध्यम से बच्चों की आंतरिक कला को निखारा जाता है और उनमें अच्छे संस्कार विकसित किए जाते हैं। इसका उद्देश्य उनके जीवन का सर्वाधिक विकास करना है। उन्हें अपनी भाषा, आचरण, रीति रिवाज, संस्कारों के बारे में बताया जाता है। स्थिर रहने की एकाग्रता बढ़ती है। बुद्धि का विकास होता है और अच्छी सोच हमारी आदतों को विकसित करती है। यह शारीरिक भी होते हैं और मानसिक भी | संस्कार ही जीवन का आधार और मानव की सबसे बड़ी पूंजी है। संस्कार से ही चरित्र निर्माण होता है। इनके द्वारा ही व्यक्ति क्रियात्मक व रचनात्मक बनता है। संस्कारों का ना होना पतन का मुख्य कारण होता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के नेतृत्व में शहर की झुग्गी झोपड़ी, स्लम एरिया, स्ट्रीट बच्चों के साथ लगभग 12 स्थानों प

पर्यावरणीय संरक्षण: गौरैया पक्षी के संरक्षण में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का योगदान

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु कई विविध कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं जिससे पर्यावरण और परिस्थितिक से संबंधित सभी मुद्दे शामिल है। इसी विषय पर संस्था द्वारा गौरैया जाति की चिड़िया की संरक्षण हेतु विभिन्न जगहों पर चिड़ियाघर व फिडर लगती है जिसका उद्देश्य लुप्त हो रही इस प्रजाति को बचाना है जिससे पारिस्थितिक तंत्र बना रहे और हमारा आंगन भी चेहकता रहे | पहले हमारे घर, आंगन, ऑफिस, बाग, बगीचे, पेड़ों पर यहां वहां बहुतायत संख्या में पाई जाती थी, परंतु पर्यावरण विनाश, प्रदूषण, इंसानी अतिक्रमण, व रासायनिक सामग्री के बढ़ते प्रयोग से इनकी संख्या लगातार गिरती ही जा रही है। समय रहते हम एक जरा से कार्य से उनका संरक्षण कर उनकी संख्या में वृद्धि करने में सहायता प्रदान कर सकते हैं। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा इस वर्ष लगभग 180 चिड़ियाघर व उनके खाने की फिडर लगाए गए हैं, जिसमें शहर के सी आर पी एफ स्कूल मुख्य है। कुछ ज्यादा पेड़ पौधे वाली जगह में अगर निवास स्थान और भोजन सहायता उपलब्ध हो जाए तो इनको भोजन की तलाश हेतु दूर नहीं जाना होता और उनके जीवन चक्र पर

गरीबी के खिलाफ शिक्षा का संघर्ष: एक प्रेरणादायक कहानी

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 शिक्षा हर व्यक्ति का शैक्षणिक अधिकार है यहां स्त्री और पुरुष में कोई भेद नहीं होता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर स्कूली छात्रा हेतु कई कार्यक्रम किये जाते हैं, जिसमें वो शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने को प्रोत्साहित हो सके और अपना जीवन संवार सके। इसके लिए संस्था हर वर्ष स्कूल यूनिफॉर्म, स्टेशनरी, स्कूल बैग, कॉपी, किताब, जूते मौजें व शिक्षण सामग्री व गरीब बालिकाओं को छात्रवृत्तियां दी जाती है। संस्था का उद्देश्य समाज की हर बेटी के लिए शिक्षा मुहैया करवाना है। यह समाज की गरीब, असहाय, विकलांग पर आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को प्रदान की जाती है। इसको मिलने से सभी के मन में शिक्षा के प्रति प्रोत्साहन जागता है और वह इस हेतु सतत् प्रयास भी करता है जिसके सकारात्मक प्रभाव हमें देखने को मिलते हैं जिसकी वजह से वो अपने शैक्षणिक सपने और महत्वाकांक्षाओं को पूरा कर सके। पूरे देश में ऐसी सैकड़ो बालिकाएं हैं जो वित्तीय अस्थिरता की कमी के कारण उन्हें अपनी उच्च शिक्षा छोड़नी पड़ती है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इस वर्ष सात स्कूलों की 80 छात्राओं को छात्

खुशी को सशक्त बनाना : होली और दोस्ती के बंधन बढाना

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  होली रंगों का त्यौहार है। सभी रंग हमें जीवन के एहसासों का अनुभव करते हैं और यह बताते हैं कि हर रंग जीवन में क्या अहमियत होती है। यह मिलन का त्यौहार है सभी आपसी प्रेम भाव सौहार्द्र से मिलते हैं। इस त्यौहार में बच्चे अधिक उत्साहित होते हैं और प्रेम पूर्वक इसे से मनाते हैं। समाज में कुछ वंचित वर्ग या गरीब बच्चों को यह सब नहीं मिल पाता है। इसलिए राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष स्टीट व स्लम एरिया के बच्चों के साथ यह कार्यक्रम बड़ी धूमधाम उत्साह के साथ मनाया जाता है ताकि हर बचपन को उसके बचपन का एहसास हो सके और वो जिंदगी के हर क्षण का आनंद प्राप्त कर सके। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम सर्वप्रथम स्ट्रीट व स्लम एरिया में जाकर बच्चों को एकत्रित करती है। फिर सभी को यथास्थान पर बिठाकर उनके साथ विभिन्न सास्कृतिक मनोरंजन कार्यक्रम किए हैं, जिसमें बच्चों को होली त्यौहार के बारे में बताया जाता है। वह उसके महत्व को समझाया जाता है। संस्था फिर बच्चों को पिचकारी, रंग, गुलाल, मिठाई में अन्य चीजों का वितरण करती है। इस में यह भी समझाया जाता है कि हमें की होली के त्योहार पर हानिकारक केमि