नवीकरणीय शिक्षा: सौर ऊर्जा परियोजनाओं से स्कूलों को लाभ

 

राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा भीलवाड़ा जिले के चार गांव के अंदर चार सरकारी स्कूलों में सौर ऊर्जा सिस्टम का उद्घाटन समारोह किया गया। इसमें भीलवाड़ा के चार सरकारी स्कूलों का चयन कर सौर ऊर्जा सिस्टम लगाया गया, जिसमें स्कूलों में शिक्षा संबंधी कोई बाधा ना आये हरित क्रांति को सबल प्रदान किया जाए। भीलवाड़ा के अगरपुरा, दरियकृ, कृष्णवातों की खेड़ी, दांथल स्कूल में यह कार्यक्रम किया गया। इन सभी स्कूलों में 5 किलो वाट के सौर ऊर्जा सिस्टम लगाए गए जिसमें लगभग 450 बच्चों के साथ यह कार्यक्रम किया गया। इस कार्यक्रम में स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किया गया ताकि इन सभी को ऊर्जा के नवीनीकरण स्रोतों की जानकारी हो और वह उसका लाभ उठा सके।


संस्था का उद्देश्य स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देना, ऊर्जा के नवीन संसाधनों का उपयोग करना, प्रदूषण रहित वातावरण बनाना, पेड़ों की रक्षा कर हरित क्रांति संदेश देना व बिजली का कम से कम उपयोग करना ये सभी संदेश सभी स्कूली छात्राओं को दिया। सभी बच्चों ने बड़े उत्साह के साथ इस कार्यक्रम में भाग लिया। आज के इस युग में हमारे पास ऊजाऺ संसाधन के कई विकल्प हैं, जिसमें सौर ऊर्जा का अक्षय भंडार हमारे पास उपलब्ध है, जिसे हम जीवन के अंत तक उपयोग में ले सकते हैं। इसके उपयोग में हमारा कोई व्यथऺ खर्च नहीं होता है। वरन इसका लाभ तो हमें हमेशा मिलता रहेगा। वर्तमान देश व दुनिया में बिजली का उपयोग बड़ा है जिससे पर्यावरण भी पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है जिससे यह पारिस्थितिक तंत्र बिगड़ रहा है। हम सबके मिले-जुले प्रयासों से ही ऊर्जा उपयोग की विषमताओं को दूर करना होगा।


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा बताया कि सूर्य की विद्युत चुंबकीय तरंगों के रूप में सभी दिशाओं में समान रूप से ऊर्जा प्रसारित करता है। यह ऊर्जा स्वच्छ अक्षय प्रचुर एवं सर्वत्र उपलब्ध ऊर्जा का स्रोत है। विकिरण रूप में प्राप्त उर्जा प्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से ऊर्जा के अन्य रूप जैसे गर्मी और बिजली में परावर्तित किया जा सकता है। इसमें जीवाश्म ईंधन के खनन की आवश्यकता नहीं है। यह स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त है। कोई कार्बन उत्सर्जन नहीं और ग्रीनहाउस जैसे नहीं यह आपके ऊर्जा बिल को भी काम करता है। सौर ऊर्जा मुफ्त है और इसका अधिकतम उपयोग के लिए इसे बैटरी में संग्रहित करते हैं।


इस संदेशात्मक सामाजिक कार्य के लिए सभी शाला प्रधान अध्यापक गंण, जन समुदाय प्रतिनिधि व सभी बच्चों ने इसका भरपूर स्वागत किया। व इस कार्य को सराहा और जीवन में इसे अपनाने हेतु सभी के द्वारा शपथ ली गई। की सौर ऊर्जा के इस गैर परंपरागत स्रोत को अपनाकर बिजली संरक्षण, हरित क्रांति, पर्यावरण इन सब की रक्षा करेंगे और इस सौर ऊर्जा सिस्टम का रखरखाव करेंगे। यह पर्यावरण पारिस्थितिक तंत्र दोनों के लिए बेहद उपयोगी है। हमारे भविष्य के लिए यह ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत होगा। जिसका का निरंतर कल तक हम उपयोग करते रहेंगे।


कार्यक्रम के अंत में सभी ने राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का आभार प्रकट किया और धन्यवाद दिया। भविष्य में संस्था द्वारा ऐसे कार्य किए जाते रहे जिससे देश दुनिया को इसका लाभ प्राप्त हो सके।

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