खुशी को सशक्त बनाना : होली और दोस्ती के बंधन बढाना
होली रंगों का त्यौहार है। सभी रंग हमें जीवन के एहसासों का अनुभव करते हैं और यह बताते हैं कि हर रंग जीवन में क्या अहमियत होती है। यह मिलन का त्यौहार है सभी आपसी प्रेम भाव सौहार्द्र से मिलते हैं। इस त्यौहार में बच्चे अधिक उत्साहित होते हैं और प्रेम पूर्वक इसे से मनाते हैं। समाज में कुछ वंचित वर्ग या गरीब बच्चों को यह सब नहीं मिल पाता है। इसलिए राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष स्टीट व स्लम एरिया के बच्चों के साथ यह कार्यक्रम बड़ी धूमधाम उत्साह के साथ मनाया जाता है ताकि हर बचपन को उसके बचपन का एहसास हो सके और वो जिंदगी के हर क्षण का आनंद प्राप्त कर सके।
राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम सर्वप्रथम स्ट्रीट व स्लम एरिया में जाकर बच्चों को एकत्रित करती है। फिर सभी को यथास्थान पर बिठाकर उनके साथ विभिन्न सास्कृतिक मनोरंजन कार्यक्रम किए हैं, जिसमें बच्चों को होली त्यौहार के बारे में बताया जाता है। वह उसके महत्व को समझाया जाता है। संस्था फिर बच्चों को पिचकारी, रंग, गुलाल, मिठाई में अन्य चीजों का वितरण करती है। इस में यह भी समझाया जाता है कि हमें की होली के त्योहार पर हानिकारक केमिकल युक्त कलरों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसको लगाने से कई प्रकार के चर्म रोग हो सकते हैं, इसकी जगह हमें हर्बल या फूल पत्ते से बने कलरों का उपयोग करना चाहिए। इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं। इस कार्यक्रम को आपसी प्रेम भाईचारे के साथ हर्ष और उल्लास के साथ मनाना चाहिए।
इस होली कार्यक्रम में सभी बच्चों ने हर गतिविधियों में भाग लिया और उत्साह के साथ एक दूसरे पर गुलाल लगाकर गले मिले और समाज को एक भाईचारे का संदेश दिया। बच्चों ने होली के कई गीतों पर जमकर नृत्य किया और अपनी खुशियां जाहिर की। उनका यह उल्लास व खुशी देखकर सब मंत्र मुक्त हो गए। बच्चों को इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने से पूर्व बताया कि वह चंदन पाउडर का उपयोग करें। रंगों व धूप से बचने के लिए लंबी बाजू की शर्ट पहने, आंखों के बचाव के लिए चश्मा का प्रयोग करें, पानी का कम प्रयोग करें, जैविक व हर्बल रंग प्रयोग में ले जब भी होली खेले तो त्वचा पर तेल या क्रीम जरूर लगावें |
भारत में होली का इतिहास बहुत पुराना है। सदियों से हिंदू धर्म में यह त्यौहार बड़ी धूमधाम खुशी के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार में बच्चे बहुत मजे करते हैं। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा समाज के इस अपेक्षित वर्ग के बच्चों के साथ कार्य करने में उनके चेहरे पर जो खुशी दिखती है, वह बंया नहीं की जा सकती। गरीबों के कारण ना तो यह मनोरंजन कर पाते हैं और ना ही वह चीज प्राप्त कर पाते हैं जिससे उन्हें आत्मिक संतुष्टि या खुशी मिले। संस्था हमेशा बच्चों का ध्यान रखती है और सभी अवसरों पर इनको उस एहसास से अनुभव करती हैं जो समाज के सभी वर्गों के बच्चे करते हैं। इस प्रयास को हम ऐसे ही आगे सतत्त रूप से करते रहेंगे जिससे यह बच्चे खुलकर जीवन की हर खुशी ले सके। रंगों के इस त्यौहार में हम भी अपने स्नेह, प्यार, भाईचारे, मानवता को जोड़े और घरों व परिवारों में खुशियां बाटें।
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