वृक्षारोपण से जुड़ी हमारी दायित्वपूर्ण संवेदनशीलता हमारी जिम्मेदारी
पर्यावरण मानवीय आवश्यकताओं की बहुमूल्य धरोहर है और हर मनुष्य को इसकी सुरक्षा व् संधारण करना अतिआवश्यक है वृक्ष हमारे जीवन को प्राण वायु देते है जिस से हमारा जीवन संचालित होता है व् जीवन की आवस्यकताओ की बहुत सी वस्तुओ की प्राप्ति का स्रोत्र भी यही वृक्ष होते है। आज मानव अपने स्वार्थ के लिए धरती से लगातार इसका विदोहन करता जा रहा है। जिस के कारण हर वर्ष तापमान बढ़ रहा है। और उसके फ़लस्वरूव जलवायु परिवर्तन हो रहा है। अगर सब कुछ ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन धरती हमारी वृक्ष विहीन हो जाएगी।
पर्यावरण के इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान इस धरा पर हर वर्ष पौध वितरण कार्यक्रम किया जाता है। जिस में ग्रामीण जनता को वृक्षों से होने वाले लाभ की अनेको जानकारियां दी जाती है। जिस से हमे जीवनदायनी प्राणवायु , लकड़ी, फल, गोंद, पत्ते, फूल, व् कई प्रकार की औषधीया भी पाई जाती है। यह प्रकर्ति में कार्बनडाइऑक्सइड को खत्म कर ऑक्सीजन का प्रवाह करते है। जो की हमारे जीने के लिए बहुत जरुरी है। प्रकर्ति में वृक्षों का बचाव बेहद जरुरी है। इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्व्रारा ग्रामीण जरूरतमंद काश्तकारों के साथ फलदार पौधे वितरण कार्यक्रम किया जाता है।
वृक्षारोपण वृक्षों के पौधों को रोपने की प्रक्रिया है आम तौर पर वानिकी, भूमि सुधार या भूनिर्माण उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु किया जाता है। प्रकर्ति में संतुलन बनाये रखने के लिए तथा अपने आस पास के वातावरण को स्वच्छ बनाये रखने के लिए पेड़ पौधे लगाना जरुरी है। पेड़ पौधों के माध्यम से प्रकर्ति सभी प्राणियों पर अनंत उपकार करती है।
वृक्षारोपण में पौधे लगाने का उद्देश्य लुप्तप्राय पर्यावरण को बचाना है। पेड़ प्रकर्ति के अनमोल उपहार है। पेड़ पर्यावरण को ऑक्सीजन प्रदान करते है। और हवा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाते है। वृक्ष हमे न केवल शारारिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ को भी बेहतर बनाते है। मनुष्य केवल सामाजिक प्राणी नहीं अपितु प्रकर्ति प्रेमी भी है। हमारे पारिस्थितिक तंत्र में संतुलन के सभी प्राक्रतिक संसाधनो का सरक्षण अप्रत्यक्ष से होता है।
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