यौन उत्पीड़न हिंसा के रोकथाम जागरूकता कार्यक्रम



राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा महिलाओ पर हो रही हिंसा के विरुद कई निवारण कार्यक्रम चलाये जा रहे है ! जो की सभी स्कूली बालिकाओं व् ग्रामीण महिलाओं  के साथ मिलकर किये जाते है ! यौन हिंसा वयक्तियो और समुदायों के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य ,सामाजिक न्याय और सुरक्षा का मुद्दा है ! संस्था द्वारा यौन हिंसा , सम्बन्ध हिंसा ,यौन उत्पीड़न और पीछा करने के बारे में गंभीरता से सोचकर की कैसे एक सुरक्षित समुदाय का निर्माण किया जाये और अपने व् दुसरो के लिए जिम्मेदारियाँ ली जाये और नुक्सान पहुचाये गए लोगो के प्रति उचित प्रति क्रिया दी जाये शिक्षा महत्वपूर्ण है ! ज्ञान वयक्तियो और समुदायों को बदलने के लिए सशक्त बनता है !


संस्था द्वारा बताया गया की यह एक सतत प्रक्रिया है ! और इसमें विश्वासों , शब्दो ,व्यवहारों, और कार्यो की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है ! जबकि निरंतरता की शुरुआत में कई व्यवहार हमारी आचार सहिंता के विरुद्व नहीं हो सकते है !यौन हिंसा की रोकथाम एक सामुदायिक प्रयास है ! और रोजमर्रा की गतिविधिया एक अंतर पैदा करती है ! निरंतरता की शुरुआत में वस्तुओँ को सम्बोधित करके हम अपने समाज में पारस्परिक हिंसा को काम करने में योगदान दे सकते है ! आघात उस वयक्ति की धारणा के अधीन है जो इसे अनुभव करता है ! और इनमें से प्रत्येक व्यवहार वयक्तियो को उनकी पहचान और पिछले अनुभवों के आधार पर अलग अलग तरीके से प्रभावित करता है !


इस कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाओं को फिलिप चार्ट , कहानी, सेल्फी, शब्दो, अभिवयक्तियो , हस्ताक्षर , शपथ , आपसी चर्चा , के द्वारा बारीकी से विस्तारपूर्वक बताया जाता है ! जिसमे नारी शक्ति अपनी आवाज समाज के आगे रख सके व् स्वय की स्थिति को समाज में मजबूत बना सके ! संस्था प्रतिनिधि इसके लिए पूर्ण रूप से महिलाओ का सहयोग करते है हमारे ग्रामीण में आज भी नारी का जीवन अत्यंत चिंतनीय है सामाजिक हस्तक्षेपता इसे बढ़ाती है ! स्वतंत्र रूप से लिया गया विचार हमे सामाजिक बहिष्कारता सीखता है कैसे हम अपना बचाव करना चहिये !


योन उत्पीड़न के विरुद सबसे प्रभावी हथियार रोकथाम है उत्पीड़न अपने आप समाप्त नहीं हो सकता है ! यह अधिक संभावना है ! की जब समस्या का समाधान नहीं किया जाता है ! तो उत्पीड़न बदत्तर हो जायेगा तथा समय बीतने के साथ उसका निवारण करना और भी कठिन हो जायेगा यौन उत्पीड़न के लिए नियोक्ता के दायित्व का अच्छी तरह से वयक्त मानक है ! जिसमे उत्पीड़न विरोधी नीतियाँ शामिल हो , वह शिकायत कर सके , उत्पीड़न विरोधी प्रशिक्षण हो व् कार्य स्थल पर उत्पीड़न की रोकथाम के दिशा निर्देश अंकित हो !

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