एक पिता की आशा: शिक्षा के माध्यम से बच्चों के भविष्य को सवस्थ और उज्ज्वल बनाना
इसके कुछ दिन बाद मेरी बेटी को स्कूल में दाखिला मिल गया !और वह फिर से शिक्षा प्राप्त करने स्कूल जाने लगी ! एक पिता होने के नाते अपनी बेटी के प्रति मेरे भी कुछ सपने है ! वह भी उच्च शिक्षा प्राप्त करे और समाज में अपना नाम कमाये व् देश की तरक्की में अपना योगदान दे ! इन सभी बातों का आज मुझे साराँश नजर आ गया ! अब जिंदगी में कुछ भी हो मैं अपने बच्चों को पूर्ण शिक्षा दिलवाऊंगा चाहे मुझे इसके लियें कुछ भी करना पड़े ! वास्तव में शिक्षा हमे जीवन में नये आयामों से मिलवाती है और इस जीवन ने तरर्क्की की राहे प्रशस्त करती है ! एक शिक्षित व्यक्ति जीवन में कभी हार नहीं मानता है क्योंकि नये विचार सदा उसको उन्नति के राह दिखाते रहते है ! उसे कभी अवनति के मार्ग में जाने नहीं देते है !
अब मेरा परिवार और भी खुश था ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के प्रयासों से ही यह सब कुछ संभव हो पाया है ! उन्होंने बताया बच्चियों का कभी बाल विवाह नहीं करना व् कभी भी इनके साथ लैंगिक असमानता का भाव प्रकट नहीं करना ! बेटियाँ अक्सर पराया धन होती है ! जो एक दिन अपने ससुराल को जाकर सभालती है ! यदि बेटी पढ़ी लिखी हुई तो वह भी हर तरह से अपने घर परिवार को सभाल लेगी और कोई भी कार्य करके वो अपने परिवार का सहयोग कर सकती है ! हमे कभी भी लड़के लड़कियों में भेद नहीं करना चाहिए ! समाज, घर, देश, हर जगह हम सभी सामान है ! लड़कियों को भी समानता के सभी अधिकार मिलने चाहिए !
मैं और मेरा परिवार राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के इस परोपकारी कार्य का सदा ऋणी रहेंगे ! जिसकी वजह से मेरी बेटियो को आज उसके सपनो का जहान मिल सका और उसका अध्ययन कार्य पुनः प्रारम्भ हो सका ! इसके लिए में संस्था का आभार व् ह्रदय से हमारा धन्यवाद है !
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