ग्रामीण विकास का प्रशांत पथ: वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण
मेरा नाम देवा गुर्जर है। मैं दौराई में सरपंच के पद पर कार्यरत हूँ यहां पर खेतों की संख्या बहुत अधिक है परंतु वृक्ष बहुत ही कम है सामुदायिक भवन, शमशान भूमि, ग्राम पंचायत व स्कूलों में वृक्षों का अभाव है। यहां वृक्षों की संख्या बिल्कुल नगण्य हैं। ग्राम पंचायत के अनुमोदन पर यहां सभी जगह वृक्ष लगाने का कार्य स्वीकृत किया गया जिसमें अजमेर की राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हमारे इस कार्य में भरपूर सहयोग दिया गया। वह इसे हरा-भरा बनाने हेतु संस्था द्वारा वृक्षों का वितरण भी किया गया। संस्था द्वारा पहले सभी जगह गड्ढे खुदवाए गए क्योंकि जो भी धरती की गर्मी है वह बाहर निकल जाए जिससेे यह पौधे जल न जाए, फिर उसमें गोबर खाद डालकर कुछ दिनों तक यूं ही रख दिया जाता है ताकि सभी तत्व आपस में मिल जाये । उसके बाद ग्रामवासी,नरेगा श्रमिक ,संस्था प्रतिनिधि में जनसेवकों द्वारा हमारे गांव में सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीणों में वृक्षों की देखभाल और पर्यावरण के प्रति लगाव को करवाने हेतु किया गया। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र से आए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा भी हमें महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई कि किस तरह हम पर्यावरण में वृक्षों की साज- संभाल कर इस प्रकृति क अहम हिस्सा बने।
दिन बीतने के साथ इन पौधों की वृद्धि होने लगी और जल्द ही खाद पानी की समुचित मात्रा पाकर यह अपना विस्तार करने लगे। जल्द ही इन्होंने अपना आकर विकसित कर लिया। अब हमारे गांव के स्कूल, धर्मशाला, सामुदायिक भवन, शमशान भूमि,ग्राम पंचायत भवन व खेतों के किनारे वृक्ष लहलहाने लगे हैं जिससे हम ग्रामीणों तरोताज़ा हवा मिल रही है। वह उनके स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। संस्था द्वारा कराए गए इस कार्यक्रम से ग्रामीणों में प्रेरणा पाकर अब अपने घर आंगन पर खाली स्थान पर वृक्ष लगाना प्रारंभ कर दिया है। सरकार द्वारा हमारे कराए गए इस कार्यक्रम से हमारी ग्राम पंचायत को निर्मल ग्राम के पुरस्कार से भी नवाजा गया है। हमारे यहां अब इस बात पर अधिक बल दिया गया कि जिसकी भी बेटी का ब्याह गांव में रचेगा उसका परिवार 10 वृक्ष लगाकर उसकी सेवा करेगा और उसका लालन- पालन करेगा। संस्था द्वारा हमारे यहां पीपल,नीम,बड़, आंवला,गोंदा, जामुन आम, बेलपत्र,अशोक,बरगद व अन्य छायादार और फलदार वृक्ष लगाए गए।
पर्यावरण के प्रति सजगता और तत्परता बेहद जरूरी है क्योंकि यह हमारे जीवन का आधार है। शरीर में जो प्राण वायु ऑक्सीजन है वो हमें इसी से प्राप्त होती है। यह वृक्ष चारों और फैली घातक रासायनिक वायु को खत्म करते हैं और हमारे स्वास्थ्य को बढ़ने में हमारी सहायता प्रदान करते हैं। धरती पर अब वृक्ष लगातार काटे जा रहे हैं। यह अत्यंत सोचनीय विषय है। अगर धरती पर ऐसे ही विनाश होता रहा तो यहां जीवन बहुत दुभैऺर हो जाएगा। वृक्षों से हमें अनेक लाभ होते हैं। इनसे हमें कौन लकड़ी ,फल ,फूल, पती औषधीय व कई तरह की वस्तुएं प्राप्त होती है। राजस्थान ससग्र कल्याण संस्थान का यह कार्य कई शहरी व ग्रामीण भागों में प्रेरणा स्वरूप कार्य कर रहा है। हम समस्त ग्रामवासी इसका आभार प्रकट करते हैं और उनको इस कार्य के लिए धन्यवाद देते हैं समाज को इस जागरूकता भरे कार्यक्रम की बहुत आवश्यकता है। पेड़ लगाओ जीवन बचाओ, नारा शब्दों से ही सार्थक लगता है।
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