पर्यावरण संरक्षकों का पोषण करना : राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के शैक्षिक प्रयास


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा जिले के हर सरकारी स्कूलों में बच्चों के साथ पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करवाए जा रहे हैं, जिसमें इस बढ़ती पीढ़ी को पर्यावरण के बारे में एक सामाजिक जागरूक संदेश प्रतिपादित किया जा रहा है कि हमारी प्रकृति में पर्यावरण की कितनी आवश्यकता है। इस कार्यक्रम को और भी अधिक सरल बनाने के लिए राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा बच्चों के साथ फोटोग्राफी, निबंध, लेखन, वाद विवाद, पोस्टर, सेल्फी, रैली, चित्रकला प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी व कई माध्यम से और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। संस्था द्वारा कराई गई इन गतिविधियों का प्रभाव सबसे ज्यादा पड़ता है जिससे सभी छात्र-छात्राओं द्वारा उत्साह पूर्वक इसमें भाग लिया जाता है।


हमारा पर्यावरण कई माननीय कारणों से प्रदूषित हो रहा है जिसमें वृक्षों को काटना, औद्योगिक कचरों का नदियों में बहाना,प्लास्टिक वस्तुओं का उपयोग,पानी का दुरुपयोग, धुएं से वायु प्रदूषण होना, कीट नाशक से मिट्टी की उपजाऊपन  का नष्ट होना, भू क्षरण व कई खतरनाक गैसों के रिसाव से हमारा पर्यावरण लगातार प्रदूषित हो रहा है। पर्यावरण जागरूकता का अर्थ है। इसके द्वारा पर्यावरण संबंधित तथ्यों, प्रत्ययों, तथा प्रक्रियाओं का ज्ञान तथा बोध कराया जाता है इसके अलावा पर्यावरण के कारकों तथा घटकों की पारस्परिक निर्भरता समस्याओं तथा समाधान की जानकारी प्रदान की जाती है। वह पर्यावरण जागरूकता की विभिन्न क्रियाओं पर बल दिया जाता है।


संस्था द्वारा बताया गया पर्यावरण के प्रति जागरूक होना क्यों आवश्यक है? हम मामूली उपाय के बाद अपने आस-पास के वातावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं। साथ ही आने वाले संकट को भी टाला जा सकता है। इन सब के लिए जरूरी है कि हर व्यक्ति स्वयं पर्यावरण के प्रति जागरूक हो तथा मामूली उपायों को व्यवहार में लाकर इसके संरक्षण के लिए कार्य करें। पर्यावरण जागरूकता बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि शिक्षा में इसकी राष्ट्रीय नीति की परिकल्पना की गई थी कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने की सर्वोपरि की आवश्यकता है। यह बच्चे के शुरू से होकर सभी उम्र और समाज के सभी वर्गों में व्याप्त होना चाहिए।


पर्यावरण प्रबंधन में जन जागरूकता बुनियादी सिद्धांतों में से एक है। इसमें शामिल पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता विकसित करना है। हमें वृक्षों , जानवरों, पक्षियों, पौधों और पानी को बचाना होगा। हमें पता है पर्यावरण और जीवन एक दूसरे से जुड़े हैं। अगर पर्यावरण नष्ट हो जाएगा तो जीवन की संभावना भी नहीं होगी। इस जागरूकता अभियान का उद्देश्य सकारात्मक दिशा में निर्देशित सामाजिक परिवर्तन है। समाज के सभी वर्गों में समग्र और सकारात्मक बदलाव करने वाला होना चाहिए। जनसंचार माध्यम पर्यावरण जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का यह प्रयास एक संदेश देता है कि जीवन में सभी आयाम कितने मायने रखते हैं, जिनमें पर्यावरण का विशेष योगदान समाहित है। संस्था के इस कार्यक्रम से सभी बच्चों में जागरूकता की एक लहर देखने को मिली हम इसके लिये संस्था को सधन्यवाद देते हैं |

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