पेड़ों को गले लगाना: पर्यावरण सदभाव और सामुदायिक कल्याण का मार्ग
हमारी धरती पर जो पर्यावरण ,प्रकृति ,पेड़ पौधे ,जीव जंतु हैं, वह ब्रह्मांड में कोई और ग्रह पर नहीं है। इसलिए इसकी विशेषता और अधिक बढ़ जाती है। वृक्ष हमारे लिए कई प्रकार से उपयोगी है। इनसे हमें वायु, लकड़ी, फल, औषधि आदि प्राप्त होते हैं। इससे गर्मी का बचाव होता है और भू क्षरण वधूल आदि की समस्या भी बचाव होता है। यह बढ़ते तापक्रम को रोकने में सहायक है और इसकी अधिकता से वर्षा भी अधिक होती है। यह प्रदूषण को नष्ट करने में हमारी सहायता प्रदान करते हैं और प्राण वायु को शुद्ध करने का कार्य भी करते हैं। वक्षों में नाना प्रकार के जीव जंतु पशु पक्षियों का आवास होता है। यह मिट्टी के कटाव की समस्या को भी खत्म करते हैं। इनसे हमारा पारिस्थितिक संतुलन भी बना रहता है और यह मरुस्थलीकरण को भी रोकता है। यह प्रकाश संश्लेषण के लिए कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करते हैं। पेड़ प्रकृति का बहुत बड़ा वरदान है।
मेरा नाम अनिल शर्मा है। मैं एक कृषि विज्ञानी हूं और पींसागन के ग्रामीण इलाकों में अपनी सेवाएं देता हूं हमारे यहां ग्रामीण काश्तकारों को फलदार वृक्षों का वितरण कार्यक्रम राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के द्वारा किया गया | जिसमें उनके द्वारा आम, अमरूद, सीताफल, आंवला, शहतूत, गूलर, जामुन, बेल- पत्र के वृक्षों का ग्रामीण काश्तकारों में वितरण किया गया। मेरे द्वारा सभी को इसकी सूक्ष्म जानकारी दी गई कि इन्हें कैसे रोपा जाए, पानी कैसे दिया जाए, खाद कितनी दे, कब-कब दवाइयां का उपयोग करें, कैसे इनका लालन-पालन करें इत्यादि | यह वृक्ष प्रकार सभी कृषक भाई खुश हुए और फिर इसके बाद संस्था के प्रतिनिधियों ने बताया इस कार्यक्रम का उद्देश्य इस धरती को वृक्षों से श्रृंगारिक करना है जिससे हमारे पर्यावरण को बढ़वा मिले और प्रकृति में फिर से हरियाली की चादर फैल जाये |
आजकल इस बढ़ते युग में यह प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है जिससे मानव स्वास्थ्य की कई बीमारियां पनप रही है। इसका मुख्य कारण प्रकृति का विनाश है। इंसान लगातार वृक्षों की कटाई करता जा रहा है जिससे हमारा पारिस्थितिक तंत्र भी बिगड़ रहा है और भूकंप, बाढ़, अकाल व जमीनी विपदाओं का सामना हमें करना पड़ रहा है। इसके कटाव से वायु प्रदूषण बहुत अधिक मात्रा में बढ़ गया है और वायु के स्तर में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा भी बढ़ गई है। इसके कई नकारात्मक प्रभाव इस धरती पर पड़ेंगे जैसे वन आवरण श्रेत्र का विनाश होगा। जैव विविधता का नुकसान होगा। पारिस्थितिक तंत्र असंतुलित होगा। मिट्टी का संघनन होगा। मिट्टी का कटाव होगा। बाढ़,रेगिस्तान का अतिक्रमण और जल विज्ञान चक्र का विघटन इत्यादि कार्य इसके दौरान होगें |
राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का यह दृष्टि कोण कई लोगों तक इसकी नव जानकारियां पहुंचता है जिससे हमें एक प्रेरणा मिलती है और हर इंसान का इसके प्रति रुझान बढ़ता है। हम सभी को वृक्षों का संरक्षण करना चाहिए। वृक्ष नहीं काटे जाए इसकी मौजूदगी से कई बीमारियां तो लगभग समाप्त हो जाती है। इसके लिए वृह्रद पैमाने पर जागरूकता लाना बहुत जरूरी है क्योंकि यह जीवन संचार का एक आधारभूत तत्व है। संस्था का यह कार्य प्रंशसनीय है और सभी के हित के लिए किए जाने वाला कार्य ही मानवता है। इस कार्य के लिए समस्त ग्रामीणों और मेरी तरफ से हृदय से संस्था का धन्यवाद हो।
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