आशा की किरण: जीवन में परिवर्तन मेरी कहानी

 

मेरा नाम सुरेश है, मैं सरवाड़ गांव में रहता हूं। मैं पोलियो के कारण एक हाथ और एक पैर से अपाहिज़ हूँ घर में माता-पिता है जो काफी बुजुर्ग है। विकलांगता के कारण मैं कुछ भी कार्य करने में असमर्थ हूं। इस बात से सभी चिन्तित है कि मैं स्वयं का भरण पोषण कैसे कर पाऊंगा। अपनी बात को किससे कह पाऊंगा। फिर एक दिन राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम हमारे गांव में आई और उन्होंने गांव के सभी दिव्यांगों का सर्वे कर उनकी जरूरत से पूछी। मैंने अपनी सभी बातें उनको बताई। फिर संस्था द्वारा मेरा UDID कार्ड ,दिव्यांगता प्रमाण पत्र,व पेंशन फॉर्म भर गया। दिव्यांगों को दी जाने वाली पेंशन में लाभ उठाने के लिए कम से कम विकलांग व्यक्ति को 40℅ विकलांगता का सर्टिफिकेट देना होगा। विकलांग पेंशन योजना के तहत लाभार्थियों को प्रदान किए जाने वाली धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में सरकार द्वारा ट्रांसफर की जाएगी। इसके लिए आवेदक का अकाउंट होना जरूरी है। यह एक ऑनलाइन पोर्टल के जरिए इसमें लाभार्थी का फॉर्म भरा जाता है। इसमें लाभार्थी को ₹500 पेंशन दी जाती है। यह कोई बड़ी रकम तो नहीं लेकिन विकलांग लोग को अपनी निजी वस्तुएं को खरीद सकते हैं। इसके लिए उसे किसी के आगे हाथ फैलाने नहीं पड़ेंगे। इसका उद्देश्य उनको आत्मनिर्भर बनाना है।


इस पेंशन योजना के लिए निम्न कागजात का होना बहुत जरूरी है। 1-आधार कार्ड 2-बैंक अकाउंट की पासबुक 3-पासपोर्ट साइज फोटो 4-आय प्रमाण पत्र 5-विकलांग का सर्टिफिकेट इन सब के द्वारा ही यह फॉर्म भरा जाता है। राज्य के जो विकलांग व्यक्ति इस योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं तो उन्हें सर्वप्रथम ई-मित्र और एसएसओ आईडी पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करना होगा या फिर अपने नजदीकी ईमित्र या पब्लिक से को केंद्र में जाकर आवेदन कर सकते हैं। इस सभी प्रक्रिया में कुछ समय लगता है। कुछ समय के बाद पेंशन भुगतान प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है।


निराश्रित दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत जीवन यापन हेतु सरकार की कल्याणकारी योजना के अंतर्गत निराश्रित दिव्यांग भरण पोषण अनुदान दिए जाने की योजना लागू की गई है, जिसे सामान्यतः दिव्यांगता पेन्शन के नाम से भी जाना जाता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के प्रतिनिधियों द्वारा इस कार्य में बहुत सहयोग किया गया। एक पूर्ण प्रशिक्षिक के माध्यम से उन्होंने हमारे गांव में 8 दिव्यांग व्यक्तियों को इस कार्य से लाभान्वित करवाया। उनके द्वारा कराए गए इस कार्य से अब मुझे भी छोटी-मोटी वस्तुएं प्राप्त करने में किसी से कुछ मांगना नहीं पड़ता है। अब मुझ में भी आत्मविश्वास बढ़ने लगा है और मेरे अंतर्मन का द्वंद अब खत्म हो गया है कि मैं भी इस दुनिया में अपने कार्य सार्थक कर सकता हूं।


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा यह जो सभी कार्य दिव्यांग हेतु किया जा रहे हैं, उनसे उन व्यक्तियों को बहुत लाभ मिल रहा है। उनकी निराशता भरी जिंदगी में मुस्कुराने का एक पल मिला है। संस्था के सभी प्रतिनिधियों की कार्य प्रणाली काबिले तारीफ है। उनके संयोजित एकजुट प्रयास से ही आज हम सब के द्वारा चेहरे पर खुशी की झलक देखने को मिलती है। इस सामाजिक मानवीय हितार्थ कार्य के लिए हम सब संस्था को धन्यवाद करते हैं और उनका बहुत-बहुत आभार प्रकट करते हैं।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Believe in Humanity....

BE FREE; Happy Period with Sanitary Napkins!!

Save the innocent Sparrow Birds