दिव्यांग बच्चों को सशक्त बनाना: अभिनव घर-आधारित शिक्षा पहल



राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा विकलांग बच्चों के साथ कई कार्यक्रम किए जाते हैं। इनमें इन्हें घरेलू बेसिक शिक्षा भी दी जाती है जो बच्चे विकलांगता के कारण स्कूल जाने में असमर्थ हैं। उन्हें स्पेशल एजुकेटसऺ के माध्यम से उन्हें घर पर ही शिक्षा उपलब्ध कराई जाती है। गंभीर रूप से बहु दिव्यांग बच्चों को होम बेस्ड शिक्षा के लिए दर्जनों सामग्रियों से उन्हें समझाया जाता है। इनमें लकड़ी, प्लास्टिक के विभिन्न मॉडल अंग्रेजी व हिंदी में अल्फाबेटिक नंबर, नंबर आकर, आकृतियों का पहला, शरीर के अंग, फल, सब्जियां, यातायात साधनों के चार्ट, विभिन्न प्रकार के पैग बोर्ड, म्यूजिकल इक्विपमेंट, किचन व डॉक्टर सेट विभिन्न प्रकार के हिस्टोरिकल चाटऺ, पशु पक्षियों के चार्ट काउंटिंग फ्रेम सहित सामग्रियां होती है।


इस कार्यक्रम में उनके आत्मनिर्णय शक्ति को बढ़ाया जाता है और शारीरिक क्रियाकलाप से गतिविधियां भी कराई जाती है जिससे उनकी मांसपेशियों में खिंचाव हो और वह शारीरिक क्रियाएं कर सके। यह सकारात्मकता को बढ़ावा देती है। व स्वयं कार्य करने की क्षमता का वधऺन करती है। उनके साथ सामाजिक बनकर भावनात्मक लगाव रखें, जिससे वह अपनी समस्या से आपको अवगत करा सके। उन्हें विभिन्न प्रकार के रंग देकर चित्रकला के माध्यम से उनकी अभिव्यक्ति उकेरी जाए। यदि बच्चा बोल नहीं पता तो पूरे दिन संचार प्रणालियों जैसे वैकल्पिक संचार, इशारे, हाथ चलाना, अजीब से शोर के उपयोग से प्रोत्साहित करना शामिल है।


कार्यक्रम में उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां भी प्रदान की जाती है जिसमें हाथ धोना, नहाना, साफ कपड़े, पहनना, ब्रश करना, नाखून बाल समय पर काटना, साफ सफाई से खाना, वह घर के आसपास गंदगी ना होने देना आदि कार्य भी घरेलू सामान्य शिक्षा कार्यक्रम में समझाये जाते हैं जिससे उनका स्वास्थ्य सही बना रहे। इसके साथ ही उनमें मनोरंजन गतिविधियां भी की जाती है जिससे गाना गाने की बात, एक्टिंग और संवाद बुलवाए जाते हैं या हर एक को प्रतिभागी बनाया जाता है जिससे उसकी जिज्ञासा बढे़ और मनोबल विकास हो और उनकी असमानताओं को दूर किया जा सके।


इन सभी कार्यक्रमों के जरिए से उनके कौशल विकास, बुद्धिमत्ता, रुचि, ज्ञान को आंका जाता है। मानसिक विकलांगता वाले बच्चे कई चीजों में सामान्य बच्चों के समान होते हैं तो उनके कुछ लक्षण भिन्न होते हैं। ये मुख्य है धीमी प्रतिक्रिया, स्पष्टता का अभाव, तेजी और शीघ्र समझने में कभी, निश्चय ना कर पाना, ध्यान केंद्रित करने में कमी चिड़चिड़ापन और कमजोर स्मरण शक्ति शामिल है। इन सभी गतिविधियों के माध्यम से इन दोनों का निवारण किया जा सकता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा की टीम इस कार्य में लगी हुई है जिससे इनका जीवन भी सुधर सके और यह भी समाज के हर विषय में अपनी बात कह सके।

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