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"निराश्रितों के लिए आशा की किरण: संस्थान का संवेदनशील कार्य"

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इंसानी विवशता, मज़बूरी, लाचारी, गरीबी, उसे अपनी जरुरत पूरी करने में अवरोध उत्पन्न करती है। समाज के ऐसे ही वर्ग जिसमे, गरीब, असहाय, अनाथ, निर्धन, बेसहारा, विकलांग, वृद्व बुजुर्ग, मानसिक रूप से कमजोर, बघिर, विधवा व्  एकल महिलाओं के लिए निशुल्क राशन वितरण किया जाता है जो उनके शरीर को शक्ति देता है और जीवन संचालन में मदद भी करता है। कभी-कभी इंसानी परिस्थितियां इतनी प्रबल हो जाती है की जीवन को आगे दिशा की और गति नहीं दे पाती है ऐसी परिस्थिति में एक असहाय की मदद करना उसके प्राणों की रक्षा करना है यही कार्य समाज में मानवता कहलाता है जो एक मानव होने के नाते यह कार्य करना आवश्यक है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण व् शहरी इन वर्ग को उनकी आवश्यकतानुसार राशन वितरण करती है संस्था ने कई जरुरतमंदो को आगे बढ़ने की प्रेरणा से सदा ओतप्रोत रखा है। मानवीय निराशाएं जीवन में मृत्यु का कारण बनती है ऐसी ही एक एकल महिला को संस्था द्वारा राशन सामग्री दी गई। जिसमे उसको आटा, तेल, दाल, चावल, शक्कर, चायपत्ती, धनिया, मिर्च, नमक, सोयाबीन, चन्ना, मूंग आदि सामग्री दी गई।  जो विभिन्न कष्ट दाय...

विकलांग लकवा ग्रस्त व्यक्ति को राशन वितरण

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान विगत कई वर्षों से गरीब, निशक्त, दीन दुखी, बेसहारा, अनाथ, बघिर, विकलांग, विधवा, एकल महिला, निराश्रित, असहाय, मानसिक रोगी आदि को मदद के लिए सदा तत्पर रहा है। जो इन लोगों को हर प्रकार की मदद एवं अपनी सेवाएं उपलब्ध करवाता है। समाज का यह वर्ग वास्तविक रूप से मदद का हकदार होता है इनकी विवशता इनकी लाचारी होती है। जिन्हे यह समाज के आगे कभी रख नहीं पाते है। ऐसे वर्ग की मदद ही समाज में मानवता कहलाई जाती है। यह समाज का वो अपेक्षित वर्ग है जो सदा उपेक्षा की नजरो से ही देखा जाता है। इन्हे स्नेह और प्रेम की आवश्यकता होती है। संस्थान ऐसे वर्ग की शारारिक पूर्ति हेतु उनको राशन सामग्री का वितरण करती है। जो उनकी खाद्य समस्या की पूर्ति करती है और उनमें एक ऊर्जा भरा आत्मविश्वास जगाता है।  संस्थान द्वारा ऐसे गरीब लकवाग्रस्त व्यक्ति जिसका नाम मोहन है घर में एक पत्नी और दो बच्चे उसके साथ रहते है पति और पत्नी दोनों ही विकलाग होने के कारण आर्थिक परिस्थितियां उनकी बिगड़ गई है। जिसके कारण वे अपनी आर्थिक जरुरतें भी पूरी नहीं कर पा रहे थे और दो वक़्त के भोजन के लिए भी विवश हो गए। ऐसे...

गरीब बच्चों के साथ नववर्ष कार्यक्रम मनाना

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 बीते हुए वर्ष की विदाई और नए वर्ष का आगमन हम सब में एक नव संचार ऊर्जा के रूप में भर देता है सभी लोग नए साल में कुछ नया करना चाहते है और जीवन नया मुकाम पाना चाहते है सभी धर्म, जाति, समुदाय, समाज के लोग इस त्यौहार को बहुत खुशियों के साथं मना कर इसका आगमन करते है। नववर्ष की रात्रि को सब नाच कर, गा कर, मिठाइयां बांटकर , एक दूसरे के साथ ख़ुशी मनाकर इसको मनाते है। संस्थान यह कार्यक्रम शहर के नजदीक रह रहे गरीब, असहाय, अनाथ, विकलांग, झग्गी-झोपड़ी, स्लम व् स्ट्रीट के बच्चो के साथ मिलकर यह कार्यक्रम हर वर्ष मनाती है। अधिकांश बच्चें आर्थिक रूप से कमजोर तबके से ताल्लुक रखते है इनकी शिक्षा पर खास ध्यान दिए जाने की जरुरत है नववर्ष पर हमारा संकल्प है की बच्चों की जितनी संभव होगी उतनी मदद करेंगे। जिससे ये बच्चे स्वालम्बन के रास्ते पर चल सकें।  आजकल इस युग में बढ़ते दौर के साथ ओधोगिककरण बढ़ रहा है जहा काम कीमत पर काम करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह सभी दिहाड़ी मजदूरी वाले परिवार शहर के आसपास गन्दी बस्तियों में , स्ट्रीट किनारे, स्लम एरिया में अपनी गुजर बसर करते है। इसके साथ इनका परिवार भी...

पर्यावरण बचाव कार्यक्रम ( स्कूल में चिड़ियाघर लगवाना )

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पृथ्वी मनुष्यों का एकमात्र सांझा घर है एक ऐसी जगह जो हमे ताजी हवा, ठंडा पानी और बहुमूल्य प्राकर्तिक संसाधन प्रदान करती है। हालांकि आज पर्यावरण कई गंभीर समस्याओ का सामना कर रहा है। जैसे पर्यावरण प्रदूषण , जलवायु परिवर्तन , जैव विविधता को बहुत नुक्सान आदि सीधे मानव जीवन और स्वास्थ्य को खतरे में डालते है। समाज का सतत विकास हो इसलिये पर्यावरण संरक्षण एवं बचाव बहुत जरुरी है। इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान जीव बचाव की दिशा में चिड़ियाघर का वितरण कर रही है। जो पर्यावरण को बढ़ावा देती है और साथ ही उसके विकास के लिए कार्यरत है।  यह प्रेरणादायक कार्य समाज में एक नव चेतना का संचार करता है जो पर्यावरण प्रेमियों की संख्या में इजाफा करते है। पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों का एक समूह है जिसका उद्देश्य पर्यावरण प्रदूषण रोकना, नियंत्रित करना, कम करना और खत्म करना है साथ ही पर्यावरण गुणवत्ता में बहाल करना है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान विगत कई वर्षो से बयां पक्षी के संरक्षण एवं बचाव हेतु चिड़ियाघरों का वितरण कर रही है। जो समाज को एक प्रेरणा देने का कार्य करता है साथ ही संरक्षण की द...

झुग्गी- झोपड़ी ,स्लम , स्ट्रीट, डेरों व् गन्दी बस्तियों में सर्दी बचाव हेतु कम्बल वितरण कार्यक्रम

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मानव जीवन में यदि शरीर का बचाव पूर्णतया किया जाए तो जीवन के सभी कार्य सुगमता से पूर्ण होते है यदि शारारिक कष्ट मिले तो अक्षमता, लाचारी, बीमारी और कभी- कभी मृत्यु भी हो सकती है समाज का का ऐसा ही वंचित वर्ग हमारे शहर के आसपास झुग्गी- झोपड़ी ,स्लम , स्ट्रीट, डेरों व् गन्दी बस्तियों में प्राय देखने को मिल जायेगा।  जो अपनी गरीब व् लाचारी के चलते स्वयं का शारारिक बचाव करने में असमर्थ होते है इस भीषण सर्दी में शरीर को गर्म वस्त्रों  से आवरण करना बहुत जरुरी है। नहीं तो इसके कारण ये बीमार हो सकते है।  गरीबी समाज का वो कलंक है जिसमे ये गरीब सदा पिसते रहते है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इनको इस सर्दी से बचने हेतु गर्म कम्बलों का वितरण किया जाता है।  संस्था उन स्थानों पर जाकर गरीब बच्चों , महिला, पुरुष, असक्षम लोगों को सर्दी बचाव हेतु गर्म कम्बल प्रदान करते है। अपनी गरीबी, लाचारी, विवशता के कारण यह अपनी जरूरतों को कभी पूरा नहीं कर पाते है। कोई न कोई वस्तु या अन्य का इनको हमेशा अभाव बना रहता है। एक मानव की सच्चे भाव से सेवा करना मानवता कहलाता है हमे यह भाव रख निस्वार्थ ...

स्ट्रीट बच्चों के साथ क्रिसमस डे मनाना कार्यक्रम

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जीवन में खुशियाँ वो भाव है जो यदि किसी और के साथ साँझा की जाए तो यह दुगुनी हो जाती है हमारे यहाँ सभी धर्म समुदाय के त्यौहार बड़ी धूमधाम से हर्षोउल्लास के साथ मनाये जाते है। सर्दी में आने वाला क्रिसमस डे बच्चों का अत्यन्त प्रिय त्यौहार है जो बच्चों को बहुत उत्साहित करता है। विश्व के कई देश इस पर्व को मनाते है मान्यता है की इस दिन सांता क्लॉज बच्चों के लिए तोहफे लेकर आते है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा भी हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी झुग्गी झोपड़ी, स्लम, स्ट्रीट में रहने वाले गरीब बच्चों के साथ यह त्यौहार बहुत हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया।  बच्चें संस्था प्रतिनिधि को आता देख मुस्कुरा देते है जो उनके लिए खुशियों का खजाना लेकर आते है।  संस्था इन इलाकों में जाकर सभी बच्चों को एकत्रित कर उनके साथ क्रिसमस डे का जश्न मानती है। इसमें संस्था बच्चों को सांता क्लॉज की ड्रेस पहनाकर उनके साथ रंगारंग कार्यक्रम आयोजित करती है जिसमे गायन, वादन, नृत्य, खेलकूद व् बहुत सी सांस्कृतिक गतिविधियाँ उनके साथ की गई। सभी बच्चों ने इस कार्यक्रम में अति उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में स...

शैक्षणिक प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम ( पाठशाला बच्चों के साथ )

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शिक्षा जीवन का वो अध्याय है जो जिंदगी की किताब को सर्वश्रेष्ठ बनता है। शिक्षा ही व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने का कार्य करती है यह व्यक्ति को जीवन में बहुआयामी बनाती है संस्था समाज में ऐसे ही ड्राप आउट , वंचित, गरीबी रेखा वाली लड़कियों के साथ पाठशाला कार्यक्रम करती है। जिसमे इन बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने भविष्य को उज्जवल करने पर ध्यान केंद्रित करती है।  सामाजिक दृष्टि से देखा जाये तो यह महिला सशक्तिकरण समाज में महिला शक्ति को प्रतिबिम्बित करता है।  जो अपनी मज़बूरी या विवशता को दरकिनार करके इस पायदान तक पहुंचने में सफल हो सकी है। संस्थान द्वारा इसके लिए इन्हे पूर्ण रूप से सहयोग प्राप्त हुआ है।  राजस्थान समग्र कल्याण सस्थांन द्वारा संचालित पाठशाला कार्यक्रम में शैक्षणिक पाठ्यक्रम पूर्ण होने पर पाठशाला में पढ़ने वाली छात्राओं के शैक्षणिक  प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम रखा गया।  जिसमे सभी ने उत्साहपूर्ण रूप से भाग लिया।  बच्चों द्वारा सरस्वती वंदना करके, भाषण, अभिव्यक्ति, नृत्य, गायन, विचार विमर्श आदि गतिविधियां इस कार्यक्रम में की गई। बाद में संस्था...

स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के संग जीवन कौशल कार्यक्रम

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जीवन में अपनी दक्षता, क्षमता और कौशल को बढ़ावा व् उसके साथ अपने जीवन को सुव्यवस्थित रूप से संचालित करना ही जीवन कौशल है यह आम व्यक्ति को श्रेष्ठ  बनाने में कारगार सिद्ध होता है। स्वयं सहायता समूह एक संगठित महिलाओं का समूह है जिसमें अनुशासन, क्षमता, बचत, ऋण, कौशल आदि सभी का समावेश होता है ग्रामीण महिलाओं के साथ कौशल विकास कार्यक्रम उनकी क्षमताओ को बढ़ाकर आजीविका संचालन के लिए प्रेरित करता है। यह विकास की दर को भी बढ़ाता है और उनके नेतृत्व करने में उनको मदद करता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा 1 दिवसीय जीवन कौशल विकास कार्यक्रम लगभग 15 स्वयं सहायता समूहो के साथ करवाया गया। जिसमें लगभग 170 महिलाओं ने भाग लिया।  स्वयं सहायता समूहों ने महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देना शुरू कर दिया है जिसके परिणामस्वरूप देश भर में महिला केंद्रित स्वयं सहायता समूहों का गठन हुआ है। जिसका उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों के लिये संस्थागत ढांचा उपलब्ध कराना तथा कौशल विकास और रोजगार को बढ़ावा देना है। जिसमें लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आये। जो विविध आय सृजन गतिविधियों में कुशल महिलाओं के सामाजिक ...

महिला हिंसा रोकथाम व् नियम , कानून के बारे में जागरूकता ( स्ट्रीट बच्चों के साथ कार्यक्रम )

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महिला हिंसा मानवीय व्यवहार का वो कृत्य है जो मानवता को शर्मशार करता है। और समाज में हमारी गिरी हुई मानसिकता को दर्शाता है। हमारे आस- पास महिला हिंसा के कई रूप प्राय हमें देखने को मिल जाते है जिसमें एक पुरुष प्रधान समाज की नकारात्मक छवि प्रकट होती है। महिला को सामान अवसर और समानता न देना , उनका शोषण व् विरोध करना, और किसी सम्मानीय अवस्था में न लाना महिला हिंसा को प्रदर्शित करता है। महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा दुनिया के सबसे प्रचलित मानवाधिकार उलांघनो में से एक है। जो दुनिया के हर कोने में हर दिन कई बार हो रही है। इसका महिलाओं और लड़कियों पर गंभीर अल्पकालिक और दीर्धकालिक शारारिक, आर्थिक,मनोवैज्ञानिक परिणाम होता है। जो समाज में उनकी पूर्ण और समान भागेदारी को रोकता है।  व्यक्तियों और परिवारों व् पुरे समाज के जीवन में इसके प्रभाव की भयावहता अथाह है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा शहर के झुग्गी-झोपड़ी ,स्लम, स्ट्रीट, डेरों में व् निचली बस्तियों के बच्चों के साथ महिला हिंसा रोकथाम व् नियम कानून के बारे में जागरूकता कार्यक्रम किया गया। इस 1 दिवसीय कार्यक्रम में बालिकाओ के ...

बाल विवाह रोकथाम नियम और कानून वयाख्या ( स्ट्रीट बच्चों के साथ कार्यक्रम )

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हमारे समाज की अशिक्षित, अर्द्धविकसित और दुष्टपरिणामों से भरी विचारधारा बाल विवाह है जहाँ एक मासूम को उस बलिवेदिका में धकेला जाता है। जिससे वो अभिग्नन है और इस विषय की कोई जानकारी प्राप्त नहीं है।  अशिक्षा, अज्ञानंता, अबोधता, गरीबी, लाचारी, विवशता और सामाजिक दबाव व् कुरीतियों की वजह से यह समाज में अपनी जड़ें अभी तक फैलाये हुए है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा शहर के झुग्गी झोपड़ी, स्लम एरिया, स्ट्रीट, गन्दी बस्तियों व् गरीब डेरों के बच्चो के साथ यह 1 दिवसीय बाल विवाह नियम और क़ानूनी जागरूकता कार्यक्रम किया गया।  जिसका उद्देश्य इस विषय पर उनको सम्पूर्ण जानकारियाँ देना है।  ताकि वो अपने भविष्य के प्रति सचेत , सजग व् सुरक्षित रह सके।  एशिया के कई देशों में बाल विवाह वहा के समाजों में अविकसशीलता का हिस्सा है।  जहा एक मासूम को समय से पहले इस दलदल में डाल दिया जाता है।  जिससे मानसिक, शारारिक, आर्थिक, सामाजिक, भौतिक व् मनोवैज्ञानिक विकास नहीं हो पाता है।  संस्थान द्वारा फिलिप चार्ट, सेल्फी, व् संबोधन , भाषण के माध्यम से बच्चों को इस विषय पर अवगत करवाया जा...

महिला कौशल एवं नेतृत्व क्षमता वर्धन कार्यक्रम - मैक्सोसो कार्यक्रम

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समाज में महिला वो धुरी है जिसके चारों और संसार चलायमान है। हमारे देश में अधिकतर महिलाएँ ग्रामीण भागों में निवास करती है। जो अपनी क्षमताओ से भरपूर होने के वाबजूद भी समाज के बहुत से कार्यों में भाग नहीं ले पाती है ।  उनको यही अनुभव और दक्षता के लिए राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के साथ कौशल एवं नेतृत्व क्षमता वर्धन कार्यक्रम करवाये जाते है। जिसका लक्ष्य सभी ग्रामीण भागों की अधिक से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण देना एवं जागरूकता बढ़ाने वाली गतिविधियां प्रदान करना , कौशल निर्माण करना ,सलाह के अवसर प्रदान करना, और सतत विकास प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण संदर्भो में सशक्तिकरण में परिवर्तनकारी बदलाव लाने हेतु यह एक उच्च स्तरीय कार्यक्रम है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के अनुसार कार्य स्थल पर लैंगिक समानता के लिए प्रयासरत संगठनों और व्यक्तियों को सभी लिंगो की शक्ति का उपयोग करने में सक्षम संस्कृति विकसित करने के लिए प्रणालियों पर पुनर्विचार करने और मान्यताओं को चुनौती देने की आवश्यकता है हम सब साथ मिलकर एक नेटवर्क बनाने में मदद करता है। यह रूढ़िवादिता क...

एजुकेशनल फॉर एवेरी रूरल गर्ल्स - हाइजीन किट डिस्ट्रीब्यूशन -स्कूली बालिका

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जीवन में शारारिक स्वच्छता का अहम् योगदान है। यह हमको शारारिक रूप से स्वच्छ व् हाइजीन रखता है जिससे किसी प्रकार की बीमारी से हम ग्रसित नहीं होते है और स्वयं को हाइजीन बना पाते है। यह हमारी दिनचर्या का एक हिस्सा है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा एजुकेशनल फॉर एवेरी रूरल गर्ल्स कार्यक्रम के तहत वंचित स्कूली बालिकाओं को संस्था द्वारा हाइजीन किट दिया गया। लगभग 42 सरकारी स्कूल की 1500 बालिका को यह किट दिया गया। जो ग्रामीण स्तर पर उन्हें हाइजीनिक बनाने में सहयोग देगा। यह महिलाओं के मासिक चक्र के दौरान जो असुविधा उन्हें उठानी पड़ती है उनको दूर करेगा और शारारिक रूप से उनको स्वस्थ भी रखेगा।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा उन्हें इस कार्यक्रम के तहत अपने शरीर को कैसे स्वच्छ और स्वस्थ रखा जाए इस विषय पर पूर्ण जानकारी पोस्टर, सेल्फी, व्याख्यान, अभिव्यक्ति, रैली, प्रशोत्तरी के माध्यम से प्रदान की। इसमें उनको जो हाइजीन किट में सेनेटरी पेड, नैलकटर, हाथ धोने क साबुन, नहाने का साबुन, रुमाल, कंघा व् तेल की शीशी उपलब्ध करवाई गई। यह समस्त सामग्री उन्हें शारारिक रूप से स्वस्थ रखने में मददगार...

गरीब काश्तकारों को बीज वितरण कार्यक्रम

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हमारी धरती पर छाया हुआ हमे जीवन प्रदान करता है। और कृषि हमारा जीवन संचालन करती है। भारत के कृषि प्रधान देश है।  जो पूर्णता मानसून पर निर्भर रहता है यह एक तरह  का मौसमी जुआ है जो यदि समय रहते हो जाये तो अच्छी उपज किसानों को उपलब्ध करवाता है और यदि न हो तो किसानों को गरीबी रेखा तक ले जाता है।  भारत के ग्रामीण भागों में आज भी किसान की स्थिति दयनीय बनी हुई है। जो पूर्णतया कृषि पर निर्भर रहते है इनकी आय, आमदनी, रोटी, आजीविका सब कुछ यही कृषि होती है। इसी अवस्था को देख राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष गरीब को संस्था की और से निशुल्क बीजों का वितरण किया जाता है जो उन्हें पुनः खेती के लिए प्रोत्साहित करने में मदद करते है। यह उच्च गुणवत्ता के बीज बेहतर उच्च गुणवत्ता वाले होते है।  जो विपरीत अवस्था में भी फूट जाते है।  राज संस्था का उद्देश्य भी यही है की यह गरीब किसान इसकी सहायता प्राप्त उपज से अपनी आजीविका का संचालन कर सकें। यह कार्यक्रम गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे किसानों के लिए किया जाता है। यह काम वर्षा, विपरीत मौसमी परिस्थितियों तथा अन्य प्राकतिक क...

गारमेंट मेकिंग ट्रैनिंग में महिला जीवन कौशल विकास कार्यक्रम

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्व्रारा चलाये जा रहे गारमेंट मेकिंग प्रशिक्षण में संस्था के 1 दिवसीय महिला जीवन कौशल विकास कार्यक्रम प्रशिक्षण यथा स्थान पर आयोजित किया गया।  जिसमे उनको जीवन की चुनौतियों का सामना करना और पने लक्ष्य को निर्धारण करने हेतु सक्षम बनना शामिल है।  इन कौशल में धन का प्रबंध कैसे करे, अच्छा स्वास्थ्य हम बनाये रखे, सभी के साथ मजबूत सम्बन्ध रखें, अपने समय को किस प्रकार प्रभावी बनायें एवं अपने जीवन के उद्देश्य को कैसे पूरा करें ! यह सभी बिन्दुओ पर उनको यह प्रशिक्षण दिया गया। विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से युवाओं में कार्य के लिए पारस्परिक और मनोसामाजिक कौशल विकसित करना है।  यह अनुकूली तथा सकारात्मक व्यवहार की वो योग्यतायें है जो व्यक्ति विशेष को दैनिक जीवन की मांगो और चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए सहारा बनती है।  संस्था प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में उनको पोस्टर, सेल्फी, बैनर, अभिव्यक्ति, साँप सीढ़ी गेम, गिलास गेम, अखबार गेम, त्रिपाल गेम, पत्थर से घर बनाना, और उत्साह और कौशल सम्बंधित खेल इन महिलाओं के साथ खेलें गए। जिसमे ...

स्कूली बालिकाओं को गर्म वस्त्र वितरण

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा स्कूली बालिका शिक्षा को प्रभावी बनाने के लिए उनके शारारिक बचाव व् सुरक्षा हेतु जरूरतमन्द वंचित बालिका को सर्दी से बचाव हेतु ( जूते, मौजे, स्वेटर, गर्म टोपे , हाथों के ग्ल्बस, आदि का वितरण किया जाता है। जिसके उपयोग से यह स्वस्थ्य व् सेहतमन्द बने रहेंगे। संस्था का यह छोटा सा प्रयास जरूरतमंद वंचित बालिकाओं के चेहरे की ख़ुशी और मुस्कान बन जाता है तथा शिक्षा के क्षेत्र में उनको सहायता प्रदान करता है। संस्थान हर वर्ष ग्रामीण भागों के स्कूलों में यह सामग्री वितरण करती है जिसका लाभ उन वंचित बालिकाओं को अवश्य मिले जो प्राथमिक सहायता पर पहले आती है।  हमारे सामाजिक स्तर का ढाँचा अभी इतना विकसित नहीं है की यहाँ सभी सक्षम परिवार निवास करते हो, ग्रामीण भागों में गरीबी का स्तर काफी नीचे तक है।  यहाँ बहुत सी विषमताऐ है जिसके कारण शिक्षा का स्तर भी काफी अच्छा नहीं है।  यदि शिक्षा सम्बन्धी एक जरुरत पूरी होती है तो दूसरी रह जाती है। इस स्तर को बढ़ाये रखने के लिए इन जरूरतमंद वंचित बालिकाओं को शिक्षा सम्बन्धी पूर्ण सामग्री मिलना बहुत जरुरी है।  जिसको प्...

शैक्षणिक प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम ( स्टेशनरी स्कूल बैग वितरण इत्यादि )

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जहां शिक्षा शब्द आ जाये वहां जीवन में सकारात्मकता के सिवा और कुछ नहीं हो सकता है। सभी उत्तम सद्गुण , व्यवहार और अनुशासन हमे शिक्षा से ही प्राप्त होते है।  शिक्षा ही जीवन को दिशा निर्देशित करती रहती है जो भविष्य निर्माण करने में हमे सहायता प्रदत करती है।  इसकी पुष्टि से मस्तिष्क में सदा नए और उत्तम विचारों  का उदभव होता रहता है जो हमारी कार्य प्रणाली को सुव्यवस्ठित और सुचारु रूप से संचालित करती है।  ज्ञान और शिक्षा बहुआयामताओं को विकसित करती है।  शिक्षा का मतलब ज्ञान, सदाचार, उचित आचरण, तकनीकी शिक्षा , तकनीकी दक्षता ,विद्या आदि को प्राप्त करने की प्रक्रिया को कहते है।  शिक्षा का तात्पर्य स्कूली शिक्षा या निर्देशों के माध्यम से प्राप्त ज्ञानं और समग्र रूप से शिक्षण संस्थान से भी है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा पाठशाला में व्यक्तियों की जन्मजात क्षमता को विकसित करना शामिल है। शिक्षा के वास्तविक उद्देश्य के रूप में व्यक्तित्व के सामंजस्यपूर्ण विकास का सभी प्रगतिशील शिक्षाविदों ने समर्थन किया है। संस्था द्वारा पाठशाला में इस वर्ष में  शैक्षणि...

6 दिवसीय शैक्षणिक शिविर का आयोजन ( स्ट्रीट बच्चों के संग )

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 राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के तत्वाधान में शहर के झुग्गी झोपड़ी , स्लम, स्ट्रीट व् गन्दी बस्तियों व् डेरों के गरीब बच्चों के साथ 6 दिवसीय शैक्षणिक शिविर का आयोजन किया गया।  जिसमे उनको प्राथमिक अक्षर ज्ञान ,पहाड़े, कहानियां, कवितायेँ  आदि पढ़ाये व् गुणवत्तापूर्ण तरीके से सिखाये जाते है।  यह निशुल्क प्रशिक्षण शिविर हमें सामाजिक बुराइयों से दूर रखने असहायों की सहायता करने तथा संसाधनो के उपयोग के लिए क्षमता और कौशल को विकसित कर राष्ट्र की समृद्धि में सहायक होता है।  यह जीवन में कुशलता पूर्ण अनुशासन एवं व्यवहार सिखाता है।  शिक्षा बेहतर जीवन जीने का साधन और साध्य दोनों है। यह अन्धकार से प्रकाश की और ले जाने वाला कार्यक्रम है।  शिक्षा के बिना लोग गरीबी और पिछड़ेपन की अंतर पीढ़ीगत चक्र में फसं जाते है।  इस कार्यक्रम में इन बच्चों को प्राथमिक अक्षर ज्ञान, चिन्हों की पहचान, फल, सब्जी, पौधो आदि के नाम, पहाड़े, गिनती, कविता, कहानियाँ,व्यवहार, अनुशासन, दिनचर्या, शारारिक स्वास्थ्य आदि बातों पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी जाती है जो इनके भविष्य  सकारात्मकता का व...

गरीब, विकलांग, बुजुर्ग,महिला एवं असहाय को कम्बल वितरण कार्यक्रम

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समाज में ऐसे कई व्यक्ति है जो स्वयं की किसी ना किसी परेशानी से ग्रसित है और लाचारी उन्हें पंगु बना देती है गरीबी इसका प्रमुख कारण है जो हजारो तरह की समस्याओ को जन्म देता है। इसकी वजह से यह अपनी जरुरतें तक पूरी नहीं कर पाते है। हमारे साथ आस पास ऐसे कई विकलांग, गरीब, असहाय , बुजुर्ग महिलाये, वृद्व पुरुष, अनाथ, बेघर लोग ग्रामीण व् शहरों के आसपास सड़कों, फुटपाथ किनारे बिना किसी आश्रय के अपना जीवन व्यतीत करते है जिसके पास जिंदगी जीने का कोई भी साधन उपलब्ध नहीं होता है।  इस सर्दी के मौसम में मात्र अलाव जलाकर वो पूरी रात उसके पास सर्दी को सहन करते हुए गुजार देते है और कई लोगो को यह साधन भी नहीं मिल पाता है जिसके कारण वे शीत लहर के कुठाराघात से काल के मुँह में समाहित हो जाते है इनकी यह विवशता, लाचारी, हमारे समाज को कलंकित करती है। इनको इस मौसम से बचाने हेतु राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान हर वर्ष बड़ी मात्रा में इन वंचित लोगों को गर्म कम्बल वितरण करती है जिसे ओढ़कर ये अपने शरीर का इस ठण्ड से बचाव कर पाते है।  सबकी जरूरतें अधिकतर एक समान ही होती है जैसे आम आदमी को ठण्ड से बचाव करना होता है ...

मेक ए विश कार्यक्रम के तहत स्ट्रीट बच्चों को ट्रैक सूट व् मिठाई का वितरण

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा मेक ए विश कार्यक्रम के तहत स्ट्रीट बच्चों को ट्रैक सूट व् मिठाई का वितरण किया गया। संस्थान द्वारा शहर के लगभग 26 स्थानों पर 525 बच्चों को ट्रैक सूट दिया गया।  संस्था हर सर्दी के मौसम में इन जरूरतों से वंचित बच्चों को बचाव हेतु पूर्ण ध्यान रखती है।  यह समाज के वो वंचित परिवारों के बच्चें होते है जो प्रकार से अपनी जरूरतों व् आवश्यकताओ की नहीं कर पाते है और न ही अपने तन का बचाव कर पाते है। समाज का यह वर्ग सदा कोई न कोई अभाव में जीवन यापन करता रहता है।  बीते कई दिनों में मौसम में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। ठंड को देखते हुये संस्था ने यह कार्यक्रम किया। शहर की इन गरीब बस्तियों में रहने वाले गरीब परिवार के बच्चें सर्दी के इस मौसम में ठिठुरन को मजबूर है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का यह मानना है यह कार्य मात्र गर्म वस्त्रों की वितरण ही नहीं करेगा बल्कि सर्दी से बचाव कर उनके शरीर व् प्राणों की रक्षा भी करेगा। जो उनके लिए यथा संभव नहीं हो पाता है।  कही न कहीं चाह कर भी यह प्रयास ये लोग नहीं कर पाते क्योंकि गरीबी का जाल इनको ज...

सिलाई प्रशिक्षण केंद्र पर महिलाओं के साथ क्रिसमस दिवस मनाना

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हमारा देश विभिन्न संस्कृति, भाषा, धर्म, त्योहारों का देश है यहाँ हर दिन कुछ न कुछ नया होता रहता है हजारों विविधताये होने के बाद में हमारा देश एकता की एक डोर में बंधा है जहाँ जाति- पाँति या मान्यतायें न देखकर सभी का आदर किया जाता है और सभी धर्मों के त्यौहार मिल जुल कर हंसी बहुत हर्षोउल्लास के साथ मनाये जाते है।  इसी क्रम में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के द्वारा ग्राम खापरी में सिलाई प्रशिक्षण केंद्र पर सभी प्रशिणार्थी महिलाओं के साथ क्रिसमस दिवस कार्यक्रम अति उत्साह के साथ मनाया गया। यह स्नेह, मिलन का कार्यक्रम है जिसमें सभी महिलाओं ने हिस्सा लिया।  संस्था द्वारा कार्यक्रम में सभी महिलाओं के साथ विभिन्न सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम किये गए जिसमें रंगोली बनाना, एकल नृत्य मंचन, ग्रुप डांस, सांता क्लॉज द्वारा केक काटना व् उपहार वितरण करना व् सभी गतिविधियां पूर्ण हो जाने के बाद नाश्ते व् मिठाई का सभी में वितरण भी किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सभी में हमारी भारतीय संस्कृति व् त्यौहार की विशेषतायऐ बताने और नीरसता भरे जीवन में उत्साह की लहर का संचालन करने हेतु रखा। जिसमे सभी महिला...

"ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण शिविर: महिलाओं के उज्जवल भविष्य की ओर"

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सुन्दर दिखना और दिखाना किसको अच्छा नहीं लगता है आज का युग बढ़ता हुआ युग है जिसमें सभी अपने रहने, खाने, पीने और शारारिक सुंदरता के विभिन्न साधनो का प्रयोग कर रहे है ! इसी कर्म में ब्यूटी पार्लर व्यवसाय महिलाओं की प्रमुख पसंद बना चुका है जिससे शारारिक सौन्दर्य बढ़ाने के साथ उसकी व्यक्तित्व को निखारा जाता है।  इसी को देखते हुये राजस्थान समग्र कल्याण द्वारा शहरी क्षेत्र में ब्यूटी पार्लर  प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन किया गया। जिसमें संस्था प्रतिनिधि, मुख्य अथिति पार्षद और मास्टर ट्रेनर इस कार्यक्रम में मौजूद थे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के समक्ष एवं आत्मनिर्भर बनाना है जो इस कार्य को सीख कर स्वयं का व्यवसाय स्थापित कर सकें।  कार्यक्रम का शुभारंभ पार्षद महोदया द्वारा किया गया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुये उन्हें सशक्तिकरण का आभास भी कराया बाद में मास्टर ट्रेनर द्वारा इस कार्यक्रम में जो सिखाया जायेगा उसकी विस्तृत रूप से सभी को बातें व् विषय बताये। जिसमे जीवन कौशल, मार्केटिंग, नेतृत्व क्षमता, उद्यमिता, प्राथमिक अभिविन्यास व् लीडरशीप जैसे कार्यक्रम भी इनके ...

"समाज के वंचित बच्चों के लिए मानवता का सर्दी बचाव अभियान"

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हमारे शरीर का हर मौसम से पूर्णता बचाव करना बहुत जरुरी है इससे ही हम अपनी  जिंदगी अच्छे से संचालित कर पाते है जिनके पास साधन और संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है उनको किसी प्रकार की कोई चिंता नहीं है। परन्तु समाज के पिछड़े वर्ग, झुग्गी झोपड़ी वाली बस्तियाँ , स्ट्रीट , गन्दी बस्तियों में रहने वाले लोगों के पास न तो साधन होते है न ही संसाधन मौजूद है।  इस अवस्था में वो अपनी जरूरतों को पूरा कर सकने में असमर्थ होते है।  और इसके दुष्परिणामों से वो बीमार पड़ जाते है वह सही प्रकार से अपने शरीर का बचाव नहीं कर पाते है।  इसी क्रम में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा मैक ए विश कार्यक्रम के तहत इन बस्तियों में रहने वाले गरीब बच्चों को इस भीषण सर्दी से बचाव हेतु स्वेटर, गर्म टोपे, मौजे, कॉर्क्स, व् खजूर का संस्था द्वारा वितरण किया गया।  समाज का निराश्रित वर्ग अपने बच्चों को पूर्ण सुविधा देने में असमर्थ होता है।  इन्हे भी आम बच्चों की तरह उन सभी सुविधाओं की आवश्यकता है जो इनको प्राप्त नहीं होती है। सर्दी के प्रकोप से कई बार बच्चें मौत का ग्रास बन जाते है।  इनके ...

मानवता की मिसाल: सर्दी से बचाव हेतु बेघर और वंचितों के लिए कम्बल वितरण

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एक मानव का दूसरे मानव के लिए किया गया कार्य मानवता कहलाता है।  जिसमे किसी अन्य व्यक्ति की सेवा या मदद शामिल है।  हमारे समाज में ऐसे कई बेघर लोग, वंचित, बेसहारा, अनाथ , सड़को के किनारे पर अपना जीवन यापन करते है उनके पास न तो रहने योग्य स्थान , खाने के लिए उपयुक्त भोजन एवं ओढ़ने व् पहनने के लिए वस्त्रों का अभाव रहता है।  जो किसी भी प्रकार से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर पाने में असक्षम ही रहते है ऐसे बेघर, अनाथ, बेसहारा, मानसिक विकलांगता , पागल आदि को सर्दी से बचाने हेतु राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा कम्बल वितरण किया गया। शहर की सड़कों के किनारे, दुकानों के आस- पास, स्टेशन, बस स्टैंड, पर रह रहे लगभग 150 लोगों को सर्दी बचाव के लिए कम्बल बाँटे गए।  जो इस भयंकर सर्दी में उनको इससे बचाएँगे।  रात्रि में सर्दी का कहर कभी- कभी इनको मौत के मुँह में ले जाता है।  इस वर्ग को इस प्रकार की मदद की बहुत आवश्यकता होती है।  जो इनको जीवन बचाने में अपना सहयोग देती है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा निर्धारित रुपरेखा के तहत गरीब लोगों की मदद की जाती है धर्म ...

"विकलांगता के प्रति संवेदनशीलता: विश्व विकलांगता दिवस पर राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का प्रेरणादायक कार्य

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विकलांगता या दिव्यांगता एक शारारिक अक्षमता है जो सार्थक रूप में कार्य करने में हमे असक्षम बनाती है। यह शरीर में कई प्रकार से हो सकती है।  विकलांगता कोई अभिशाप नहीं है अपितु हमारी मानसिकता प्रबल न होने की वजह है।  कई बार इसकी वजह जन्मजात होती है तो कई बार दुर्घटनाओं के कारण भी शरीर में विकलांगता आ जाती है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान विगत कई वर्षो से इनके साथ कई प्रकार के कार्य कर रही है।  जिसमे उनकी समस्याओं को जानकार उसे दूर करने का यथासंभव प्रयास किया जाता है।  इन्हे भी समाज का हिस्सा मानकर सामाजिक कार्यो के लिए प्रेरित किया जाता है।  हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा विश्व विकलागंता दिवस नजदीक के केसरपुरा ग्राम में आयोजित किया गया।  जिसमें संभाग के बहुत से विकलांगों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की।  संस्था द्वारा इनके साथ हर्षोउल्लास पूर्वक यह कार्यक्रम मनाया गया।  जिसमें सरस्वती वंदना करके माल्यापर्ण किया गया।  इसके पश्चायत बच्चों द्वारा नृत्य, गायन, अभिभाषण, खेलकूद, नाटक मंचन, व् विविध प्रकार की सांस्...

"महिला सशक्तिकरण की दिशा में: ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर"

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  आज के युग में सौन्दर्य प्रसाधन और सौन्दर्य दिखना एक चलन सा हो गया है आजकल स्त्री और पुरुष दोनों इस स्पर्धा में देखे जा सकते है। पर महिलाओं में यह चलन बहुत अधिक बढ़ गया है और महिलाओं के लिए आय अर्जन का सबसे अच्छा कार्य भी बन गया है। हमारे समाज के हर वर्ग की महिलाये आज सुंदर दिखना चाहती है।  और इसके लिए वह ब्यूटी पार्लर का उपयोग करती है।  यह शहरी और ग्रामीण दोनों के लिए यह कार्य बाद रहा है।  जहा अधिकतर महिलाये इसमें अपनी रूचि दिखाती है और इस कार्य को अपनाती है।  जिसमे बहुत अच्छी आय उनको प्राप्त होती है।  महिलाओं  की इस बढ़ती मांग को देखते हुए राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा शहर के अर्ध ग्रामीण भाग में ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण शिविर का शुभारभ किया गया। जिसमे सौंदर्य प्रसाधन के सभी कार्य निपूर्ण मास्टर ट्रेनर के सानिध्य में इनको कुशलता से सिखाये जायेगे।  कार्यक्रम की शुरुआत में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा बताया गया।  यह प्रशिक्षण महिलाओ को आर्थिक रूप से सशक्त करेगा और जीवन में उनको आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा।  और साथ ही इस कार्य ...

प्रशिक्षण के साथ आत्मनिर्भरता: महिलाओं के लिए नई दिशा

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आत्मनिर्भरता जीवन की वो सीढ़ी है जो जीवन में सफलतायें लाती है और आत्मविश्वास को जगाती है एक आत्म  निर्भर व्यक्ति कभी आश्रित नहीं रहता उसका कार्य सदा उसको आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहता है ! इसी क्रम में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण महिला युवा शक्ति को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु संस्था द्वारा खापरी ग्राम में 90 दिवसीय गारमेंट मेकिंग ट्रेनिंग का शुभांरभ किया गया ! जिसमे लगभग 40 महिलाओं ने भाग लिया ! यह कार्यक्रम ग्राम में पड़े लिखे बेरोजगार महिला शक्ति को प्रोत्साहित करता है जो प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वयं का उद्यम स्थापित कर सकती है और जीवन में अपनी आय बढ़ा सकती है !  संस्था द्वारा यह कार्य प्रक्रियात्मक रूप से पूर्ण किया जाता है जिसमे सर्वप्रथम जो इस कार्यक्रम के लिए इच्छुक महिलायें है उन्हें चिन्हित किया जाता है फिर घर जाकर उनके परिवार के साथ विचार विमर्श कर उन्हें प्राथमिक तालिका में अंकित कर दिया जाता जाता है प्रशिक्षण प्रारम्भ होने पर जो  भी  महिला  शक्ति  तालिका के क्रम के अनुसार यथावत रहती है उसे प्रशिणार्थी मान कर प्रशिक्षण शिविर ...

खुशियों का उजाला : वंचित बच्चों के लिए दीपावली की रोशनी

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दीपावली खुशियों और प्रकाश का उत्सव है जो हमें सभी को प्रफुल्लित करता हैं ! सभी मन से कामना करते है की इस दिन लक्ष्मी उनके घर आये और धन्य , धान , सुख , सृमर्धि  ,सम्पदा से सभी को परिपूर्ण करें ! इस उत्सव पर बच्चों में उत्साह और खुशी हर जगह देखने को मिलती है  जिसमें नए परिधान, पटाखे, मोमबत्तियां, रौशनी और सारा बाजार सजा धजा मिलता है ! इस पर्व पर और अधिक खुशियाँ बिखरने के लिए राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा संचालित ड्राप आउट बच्चों की 6  पाठशाला के लगभग 160 बच्चों के साथ दीपावली स्नेह मिलन कार्यक्रम मनाया गया ! ग्रामीण बच्चों को अपने मन के अनुरूप न तो ख़ुशी मिल पाती है ना वो अहसास प्राप्त हो पाता है ! संस्था द्वारा हर्षोउल्लास के साथ बच्चो ने यह त्यौहार मना कर अपनी आंतरिक मन की खुशियाँ जाहिर करी !  संस्था द्वारा प्रत्येक पाठशाला के समस्त बच्चों को नई ड्रेस, मिठाई, पठाखे, रौशनी व् मोमबत्तियां दी गई ! जिनको पाकर उनके चेहरे ख़ुशी से चहकने लगे ! फिर सभी को नए वस्त्र पहनाये गये , मिष्ठान से मुँह मीठा किया व् बच्चों ने अपने पटाखे भी जलाये तथा अपने घर को मोमबत्तियों के माध...

अनुशासन और संस्कार : जीवन की नींव और सफलता की कुंजी

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अनुशासन एवं संस्कार मानव जीवन की वो विशेषता है जो पृथ्वी पर अन्य जीवों से हमको पृथक कर सर्वोच्च स्थान प्रदान करती है ! इसमें मानवीय दृष्टिकोण की वो झलक मिलती है जो उन्हें शिक्षित प्रतिरूप में प्रदर्शित करती है ! यह शिक्षा उसको अपने माता- पिता, भाई -बहन, अपने गुरुजन और समाज के मार्गदर्शकों से प्राप्त होती है ! अनुशासन और संस्कार बच्चे के पैदा होते ही उसको सिखाये जाने लगते है जिसमे एक व्यवस्थित दैनिक दिनचर्या और अनुशासित रहने का भाव विधमान होता है ! हम किस प्रकार से अपने दिन का प्रारंभ करे उसे दिन समाप्त होने तक हमारे क्या और कैसे क्रिया कलाप होने चाहिये ! बहुत हद तक मानवीय संवेदनाये और व्यवहार हमारे अनुशासन और संस्कार पर ही निर्भर करता है और हमे जीवन की सही राह के लिए प्रेरित करता है व् हमारी बौद्धिक क्षमताओ का विकास कर हमे वृह्द दृष्टिकोण उपलब्ध करवाता है !  मेरा नाम गोविन्द श्री वास्तव है मेरे 2 बेटे व् 1 बेटी है पत्नी एक घरेलु महिला है हम दोनों मिलकर अपने बच्चों का लालन पालन किया और उन्हें प्राथमिक अवस्था से ही वो संस्कार दिए जो उन्हें अनुशासित बनाते है ! सुबह उठकर सभी को प्रणाम...

बच्चों में अनुशासन और संस्कारों का संचार परिवर्तन की शुरुआत

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मेरा नाम मनोज शर्मा है मैं सरकारी स्कूल में एक शिक्षक के पद पर कार्यरत हूँ ! वैसे तो विधालय में अनुशासन व् संस्कार सभी बच्चों को सिखाये जाते है ! परन्तु जो संस्कार उसे अपने आसपास के माहौल से मिले होते है उनमें उनकी झलक हमे देखने को मिलती है ! व्यक्ति विशेष का व्यवहार और उसके हाव भाव उसकी शख्सियत को दर्शाते है ! अनुशासन व्यक्ति को सभ्य रहना व् अनुशासित रहना सिखाते है जबकि संस्कार उसके व्यक्तित्व को निखारते है ! जो उसे जीवन संचालित करने में सुविधायें मुहैया करवाते है इसी विषय को लेकर हमारे विधालय प्रागण में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम द्वारा 1 दिवसीय अनुशासन व् संस्कार शिविर का आयोजन किया गया ! जिसमे सभी छात्र- छात्राओं ने उत्साह पूर्ण रूप से भाग लिया !  संस्था प्रतिनिधियों द्वारा इस कार्यक्रम की पहले रुपरेखा प्रस्तुत की फिर उनके द्वारा विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से इन बच्चों को इस विषय की जानकारियाँ दी गई ! जिसमे किस प्रकार सुव्यवस्थित तरीके से हम अपनी दैनिक दिनचर्या बनाकर उसका पालन करे ! यह रोजमर्रा के कार्य आगे चलकर हमारा अनुशासन बनाता है जो की सुव्यवस्थित व् सुनियोजित ...

संकल्प और मेहनत से सशक्त जीवन की ओर- आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम

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मेरा नाम गीता है मेरे परिवार में मेरे पति व् 2 बच्चे हम सब साथ रहते है पति फुटकर मजदूरी करते है जो जीवन संचालित करने हेतु काफी नहीं है ! साथ ही बच्चे भी स्कूल  जाते है उनका खर्चा निकालना भी बहुत मुश्किल हो जाता है ! फिर मैंने गांव में चल रहे स्वयं सहायता समूह में अपना नाम लिखवाया व् उसकी गतिविधियों में भाग लेने लगी ! धीरे धीरे मैंने अपने ध्यान  विदेशी कपडे की डिजाइन कार्य में लगाया !  ऐसे कपड़ो की   हर घर में हर महिला को जरुरत होती है ! यह कार्य अच्छी आय प्राप्त करने में मेरी मदद करने लगा ! जिसमे मैं घर की जरूरतों के खर्चे के अलावा समूह से प्राप्त ऋण की भी चुकौती करने लगी !  स्वयं सहायता समूह की महिलाओँ को आत्मनिर्भर बनाने की वो प्रक्रिया है जिसमे बचत, ऋण, चुकौती, अनुशासन, आर्थिक गतिविधिया व् प्रशिक्षण इत्यादि सिखाये जाते है व् उनके सफलतम गुर बताये जाते है की कैसे हम व्यवस्थित रूप से अपने जीवन का संचालन कर अपनी जरूरतें अपनी आर्थिक गतिविधियो से पूरी कर सकते है ! यह ग्रामीण महिलाओ के लिए एक सशक्त माध्यम है जो बाकी दुनिया में लाकर एक महिला को क्रियात...

स्पर्श : मानवता का एक अहसास

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मेरा नाम भागचंद है और में नागौर जिले के बाड़ी घाटी गांव में रहता हूँ ! मेरे परिवार में मेरी पत्नि व् 2 बेटियाँ साथ रहती है ! जिनकी सुरक्षा को लेकर दिल में एक डर सा बना रहता है ! किसी भी बेटी का बाप होने पर उसको अपनी बेटियों की परवाह बनी रहती है ! वैसे तो मेरे द्वारा हर बात का ध्यान रखा जाता है ! परन्तु हर वक़्त मैं उनके साथ नहीं रह सकता हूँ आर्थिक गतिविधी के संचालन के लिये मुझे घर से बाहर जाना ही पड़ता है ! फिर एक दिन मेरी बच्चियों के साथ राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के प्रतिनिधियों द्वारा स्कूल में गुड टच बैड टच को लेकर  हमारी बस्ती    इन बच्चों  साथ यह कार्यक्रम किया गया ! जिसमें उनको सही व् गलत तरीके से शरीर के अंगों को स्पर्श करने व् सामने वाले की प्रतिक्रिया के सम्ब्नध में सभी को सूक्ष्म व् विस्तृत जानकारी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से दी गई ! स्कूल से आकर यह बात सुनकर मैं मन ही मन खुश था क्योकि बहुत सी बात हम बढ़ती उम्र के बच्चों के साथ नहीं कर पाते है ! उन बातों को संस्था के माध्यम से अच्छे से रूप में स्कूलो में बताया जा रहा है ! जिससे मानवीय संकीर्णताऐ सम...