शिक्षा के रंग: राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का बाल शिविर



 मेरा नाम राजू है और मैं घूघरा घाटी के स्लम बस्ती में रहता हूं। मेरी उम्र 14 वर्ष की है। मैं कक्षा 6 में पढ़ता हूं। शिक्षा हमारे जीवन में बहुत जरूरी है। इसके बिना हमें किसी भी तरह की ज्ञान प्राप्ति नहीं हो पाती है। हमारे मन के ज्ञान व कौशल को बढ़ाने के लिए शिक्षा एक सशक्त माध्यम है। व शिक्षा सबका शैक्षणिक अधिकार है। शिक्षण शिविर संक्षिप्त परंतु गहन हस्तक्षेप है जहां बच्चों को अधिकतम सीखने के लिए संयुक्त गतिविधियों की जाती है।


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हमारे यहां छः दिवसीय शिक्षण शिविर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सीखने के लिए बहुत सारी गतिविधियां थी। इसी पद्धति से हमें गणित,विज्ञान, भाषा, अंग्रेजी जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं। इनमें खेल आधारित मॉडल के माध्यम से सुनने ,देखने ,व लिखने , बोलने,पढ़ने जैसे कार्य विभिन्न उपकरण के द्वारा समझाये जाते हैं। शुरुआत में बच्चों से नाम ,पता ,परिवार की स्थिति के बारे में सवाल किए जाते हैं।फिर धीरे-धीरे उनके सीखने के आधार पर शब्द समूह स्तर,पैराग्राफ स्तर,भाषा में कहानी स्तर, समूह व अंकगणित में संख्या पहचान, जोड़, बाकी आदि से विभाजित किया जाता है। इन शिविरों का उद्देश्य बच्चों में बौद्धिक क्षमताएं जागृत कर उनका संपूर्ण विकास करना समाहित है।


इन शिविरों के माध्यम से गहन और केंद्रित शिक्षण इनपुट प्रदान करना, भयमुक्त,बाल मैत्रीपूर्ण माहौल में सीखने और खेल-खेल में सीखाने की प्रवृत्ति को जागृत करना,बच्चों में सीखने के स्तर को ऊपर तक बढ़ाना वे सुधारना इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य रहता है। शिविर का मुख्य उद्देश्य ही व्यक्ति के सर्वांगीण विकास तथा समाज के लोगों के साथ मिलकर सामाजिक हित के लिए कार्य करना होता है। समाज में इन बच्चों के लिए इस तरह के कार्यक्रम होना बहुत जरूरी है। मात्र अध्ययन से हमें बाकी सभी ज्ञान अर्जित नहीं हो सकता है। इसलिए व्यावहारिक ज्ञान व इन गतिविधियों का जीवन में होना अति आवश्यक है।


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा हमारे यहां इस कार्यक्रम में बच्चे बहुत अधिक खुश व उत्साहित थे। इन सब का ज्ञान हम बच्चों को बिल्कुल नहीं था इस कार्य व प्रशिक्षण शिविर के लिए हम सब संस्था का हृदय से आभार प्रकट करते हैं और आशा करते हैं कि भविष्य में और भी ऐसे कार्यक्रम हमारे यहां होते रहेगें |

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