स्वयं सहायता समूह से स्वरोजगार की ओर पहल : महिला सशक्तिकरण



मेरा नाम मनोहरी है, मैं एक विधवा महिला हूं। कुछ समय पूर्व मेरे पति का देहांत हो गया था | मेरे एक बच्चा है। वह अभी बहुत छोटा है। मैं गांव के नरेगा कार्य वह मजदूरी पर जाती हूं, परंतु इससे मेरा परिवार नहीं चल पाता क्योंकि मुझे कभी-कभी तो मजदूरी मिलती है और कभी नहीं। इसलिए जरूरी है कि कोई रोजगार मेरे पास हो। इसके लिए मैंने राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के प्रतिनिधियों को अपनी पूरी कहानी बताई की किस तरह मुझे कितना कष्ट दायक जीवन जीना पड़ रहा है। फिर संस्था द्वारा मुझे स्वयं सहायता समूह के माध्यम से स्वरोजगार ऋण दिलवाया गया। वे मुझे आश्वस्त किया गया कि अपने सपने का जहां तुम स्वयं बनाओ |


फिर मैंने उसे ऋण से एक केबिन बनाई और सब्जी मंडी से कई प्रकार की सब्जियां लाकर दुकान में रखी। हमारे गांव में सब्जी की कोई दुकान न होने की वजह से मेरी बिक्री दिन प्रतिदिन अच्छी होने लगी। धीरे-धीरे मेरा यह रोजगार बढ़ने लगा और मेरी आय भी बढ़ने लगी। अब मेरे घर के माली हालत सुधरने लगे और मेरा बच्चा भी अब अच्छे स्कूल में पढ़ने लगा। कुछ समय बाद मैंने गांव में स्वयं की एक बड़ी पक्की दुकान खोल ली। अब मुझे कोई चिंता नहीं की आय कहां से प्राप्त करूं। मेरा यह सब्जी का व्यवसाय मेरा बहुत अच्छा चल रहा है। जरूरत की सभी तरकारी सब्जी अपनी दुकान में रखती हूं। जिससे ग्रामीणों को अन्यत्र कहीं जाना ना पड़े।


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा संचालित एस एच जी कार्यक्रम महिलाओं तक कई सोचनीय विषय लेकर आता है। व उनका निस्तारण करता है। जैसे बचत ,ऋण, किस्त अदायगी, बैंकिंग जानकारियां, विभिन्न कार्यों के लिए प्रशिक्षण, स्वरोजगार हेतु ऋण, व आर्थिक सशक्तिकरण की उन्नति यह सभी कार्य हमें महिला स्वयं सहायता समूह में मिलते हैं। इसे अपनाकर हम सब महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ता है। नेतृत्व करने की क्षमता विकसित होती है। स्वरोजगार की भावना पनपती है। निर्णय लेने का विवेक जागता है और घरेलू कामों से हटकर किसी व्यवसाय में उनकी दक्षता को निखारता है। महिला समूह के इस कार्यक्रम से प्रत्येक महिला घर से बाहर आकर अब कार्य करना सीख गई है और अपनी आवाज समाज में रखने भी लगी है।


एक लंबा अरसा गुजर जाने के बाद अब मैंने इस रोजगार से अपना चार कमरों का स्वयं का मकान भी बनवा लिया है। व इस कार्य व अपनी मेहनत और लगन से इस मुकाम तक पहुंच गई हूं। इसके लिए मैं हृदय से संस्था के सभी प्रतिनिधियों का धन्यवाद करती हूं जिन्होंने मुझे उस अवस्था से इस सशक्त स्थिति में लाकर खड़ा किया है। अगर प्रत्येक घर की महिला इस कार्य को अपनाकर कार्य करें तो अवश्य उसे सफलता मिलेगी। जब तक महिला वर्ग मजबूत नहीं होगा तब तक देश की स्थिति का विकास नहीं होगा।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Believe in Humanity....

BE FREE; Happy Period with Sanitary Napkins!!

Save the innocent Sparrow Birds