सुरेखा यादव - एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर
महिला शक्ति आज के युग में हर जगह अपना परचम फैरा रही है पर देश-विदेश में भारतीय महिलाओं की काबिलियत को पहचान कर उन्हें सम्मानित पद की जिम्मेदारी दी जा रही है। कहा भी जाता है कि आज भी महिलाएं हर काम कर सकती हैं। आसमान में प्लेन उड़ाने से पटरी पर ट्रेन दौड़ने तक में महिलाएं सक्षम है। लेकिन आधुनिक भारत की महिलाओं को आज हर क्षेत्र में मौके मिल रहे हैं। इसी कारण में अधिक सक्षम है। हालांकि आज की महिलाओं को यह मौके इतिहास की उन महिलाओं के कारण मिले जिन्होंने पहली बार किसी ऐसे क्षेत्र में कदम रखा जहां किसी भी महिला ने प्रवेश नहीं किया था। उनके पहले प्रयास और सफलता के कारण ही महिलाओं के लिए रास्ते खुलते चले गए। इतनी सफल महिलाओं में शामिल है। सुरेखा यादव पहली भारतीय महिला है जो ट्रेन की पायलट बनी ट्रेन के ड्राइवर को लोको पायलट कहते हैं।
एशिया की पहली महिला रेल पायलट सुरेखा यादव का जन्म महाराष्ट्र में 2 सितंबर 1965 को हुआ। उन्होंने राज्य के सतारा में स्थित सेंट पॉल कॉन्वेंट हाई स्कूल से अपनी शुरुआत शिक्षा हासिल की। आगे की पढ़ाई के लिए सुरेखा ने वोकेशनल ट्रेंनिंग कोर्स किया। पढ़ाई के दौरान आम लड़कियों की तरह वह भी अपने करियर पर ध्यान दे रही थी और भविष्य को लेकर चिंतित थी और भविष्य को लेकर कई सपना देखा करती थी। उन दिनों वह लोको पायलट नहीं बल्कि टीचर बनना चाहती थी। उन्होंने टीचर बनने के लिए B.Ed की डिग्री भी प्राप्त करने की योजना बनाई। हालांकि राह बदली और वह रेलवे में शामिल हो गई।
टेक्निकल बैकग्राउंड और ट्रेनों को लेकर सुरेखा का बचपन से लगाव था। उन्होंने लोको पायलट के लिए फॉर्म भर दिया। साल 1986 में उनकी लिखित परीक्षा हुई जिसमें पास होने के बाद इंटरव्यू भी क्लियर कर लिया। बाद में सुरेखा कल्याण ट्रेनिंग स्कूल में सहायक चालक के तौर पर नियुक्त हुई| ट्रेनिंग पूरी होने के बाद 1989 में सुरेखा यादव नियमित सहायक ड्राइवर के पद पर प्रमोट हो गई।
सुरेखा ने सबसे पहले मालगाड़ी के ड्राइवर के तौर पर करियर की शुरुआत की। धीरे-धीरे उनकी ड्राइविंग स्किल बेहतर होती गई। साल 2000 में मोटर महिला के पद पर उनका प्रमोशन हुआ। उसके बाद 2011 में सुरेखा एक्सप्रेस मेल की पायलट बनी। इसी के साथ महिला दिवस के मौके पर सुरेखा यादव को एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर होने का खिताब हासिल हुआ। सुरेखा ने सबसे खतरनाक रेलवे रूट माने जाने वाले पुणे के डेक्कन क्वीन से सीएसटी रूट पर ट्रेन ड्राइविंग की | 13 मार्च 2023 को सेमी हाई स्पीड बंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलने वाली पहली महिला बनी | इनका कार्य बेहद सराहनीय है। सभी भारत वासी इन पर गर्व करता है।
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