दिव्यांग युवाओं को सशक्त बनाना : अवसरों का सृजन परिवर्तन की प्रेरणा


हमारे देश में आज बहुत तरक्की कर ली है। विभिन्न प्रकार के कार्य सभी के लिए है जिसमें वह अपनी आय अर्जित कर सकें। गांव में समाज में ऐसे बहुत से विकलांग जन है जिनके पास किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं। ऐसे दिव्यांगों का सर्वे कर उन्हें चिन्हित किया जाता है और उनकों रोजगार के लिए प्रेरित किया भी जाता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इनके साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण कराए जाते हैं, जिसमें परचूनी की दुकान, पंचर की दुकान, सब्जी दुकान, कौशल विकास के कार्य, हाथ करधा कार्य, हस्तशिल्प, बागवानी, कंप्यूटर शिक्षा, बिजली फिटिंग कार्य, व्हीकल रिपेयरिंग व और भी कार्य कराए जाते हैं। यह सभी कार्य उनके कौशल को बढ़ाते हैं और क्षमतावधऺन करते हैं। इससे उनमें कार्य कुशलता बढ़ती है। इस कार्य की सीख और उसे स्थापित करने से रोजगार पनपता है और उनका आर्थिक विकास भी होता है। 


इस कार्यक्रम का उद्देश्य विकलांग युवाओं को व्यावसायिक कौशल निर्माण और प्लेसमेंट समर्थन निर्माण के माध्यम से वितिय रूप में स्वतंत्र जीवन जीने में सक्षम बनाना है। कौशल निर्माण और रोजगार सहायता की दिशा में निदेशित प्रयासों के माध्यम से प्रशिक्षुओं को रोजगार मिलेगा। उन्हें गुणवत्तापूर्ण प्रदशऺन के साथ बनाऐं रखा जाएगा। यह शिक्षाथियो को उन नौकरियों के लिए तैयार करती है जो मैन्युअल या व्यवहारिक गतिविधियों पर आधारित है। पारंपरिक रूप से गैर शैक्षणिक और पूरी तरह से एक विशिष्ट व्यापार, व्यवसाय या व्यवसाय से संबंधित है


यह परिणाम स्वरुप बच्चों को भविष्य में नौकरियों के सपने और उम्मीदें विकसित करने और पैसे के लिए काम करने के लिए इसे जोड़ने में मदद करता है। काम हर व्यस्क के जीवन में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यह आत्म सम्मान और आत्मविश्वास का निर्माण करता है कि वह अपने समुदाय का एक उत्पाद और योगदान करने वाला एक सदस्य है। काम को प्रभावी होने के लिए एक व्यस्क को संवाद अपनी देखभाल , व्यक्तिगत स्वच्छता, और सामयिक कौशल में यथासंभव आत्म निभऺर होना चाहिए। एक प्रभावी परिवर्तन काल की योजना बनाने के लिए व्यावसायिक कौशल का आंकलन करने की आवश्यकता है। समुदाय में कार्य का स्थापन और अनुभव एक युवा व्यक्ति को आत्मविश्वासी बनाने और कार्य स्थितियों के लिए तैयार करने में मदद करते हैं। व्यावसायिक लक्ष्य जो लोगों की उनकी क्षमताओं, रुचियों, सीमाओं और आकांक्षाओं को अनुरूप करियर में रोजगार प्राप्त करने में मदद करने के लिए बनाए गये हैं।


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम में दिव्यांगों को सुनहरे अवसरों से जोड़ा जाता है जिससे वह अपने जीवन की राहें निर्धारित कर सके और आगे बढ़ सके। यह प्रयास को सफल बनाने के लिए व्यवसायिक विश्लेषण में परिसंपत्तियों के मूल्यांकन के संबंध में कौशल विकसित करने में मदद करता है। कौशल निर्माण और रोजगार सहायता की दिशा में निर्देशित प्रयासों के माध्यम से प्रशिक्षुओं को रोजगार मिलेगा और उन्हें गुणवत्तापूर्ण प्रदर्शन के साथ बनाए रखा जाएगा। इस सामाजिक शिक्षाप्रद कार्यक्रम से समाज के कई वंचित दिव्यांग लाभान्वित होंगे।

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