पक्षियों के विलुप्त होने के खतरे से लड़ते हुए: राजस्थान समग्र कल्याण संस्था का प्रयास



हमारी इस दुनिया में लाखों प्रकार की जीव निवास करते हैं जिसमें कई तो बहुत बड़े व कई छोटे जीव पशु पक्षी यहां रहते हैं। भारत के हर घर आंगन में पहले गौरैया पक्षी पाई जाती थी, परंतु पर्यावरण प्रदूषण से, खान-पान का अभाव से और इस बढ़ते तापक्रम से इनकी संख्या नगण्य हो गई है। बचपन में हम भी चिड़िया के लिए घर बनाते थे और उनके खाने-पीने के लिए दाना भी डालते थे। सुबह-शाम यह संख्या में बहुतायत रूप से हमें मिलती थी परंतु अब यदा कदा देखने को ही मिलती है। और इनकी संख्या में भारी कमी आई है।


मैंने इस बार बच्चों के जन्मदिन पर उनके लिए कुछ अलग नया सोचा मैंने अपनी सहेली के द्वारा पता किया कि राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा गौरेया संरक्षण हेतु चिड़िया घर प्रदान करती है। फिर मैं उनके कार्यालय जाकर चिड़िया घर प्राप्त किया और देखा उनके कार्यालय के बाहर पेड़ों पर हजारों चिड़िया चहल-पहल कर रही थी। यह देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। 


फिर मैंने अपने बच्चे के जन्मदिन पर उसको यह चिड़ियाघर उपहार में दिया। मेरा बच्चा बहुत खुश हो गया। हमने अपने घर के बाहर छांव वाली जगह पर इसको लगाया और देखरेख करने लगी कुछ दिन के बाद चिड़िया ने उसमें अपना घर बना लिया। और उसके अंदर अपने बच्चे भी दिए। वह दिन-रात ची -ची की आवाज करते रहते हैं। हमने पास में उनके लिए फीडर की व्यवस्था भी कर दी और पीने का पानी भी वहाँ रख दिया। जीवों पर दया करना हर मानव का करम है और बेजुबान पक्षी व जीव इनमें प्रथम आते हैं। दिन प्रतिदिन बच्चे बड़े होते गए। फिर धीरे-धीरे इनकी संख्या और भी बढ़ने लगी। यह देखकर हमारे परिवार को बहुत आनंद की प्राप्ति हुई। हमारे एक छोटे से कार्य से किसी का जीवन व उसकी रक्षा संभव हो सकती है।


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का यह कार्य पर्यावरण प्रकृति में जीव रक्षा के लिए अत्यंत सारणी है। संस्था टीम इस काम में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करती है। हम सभी को मानवता के इस पाठ का ज्ञान समस्त मानव जाति को देना होगा जिससे हम इन जीवों की रक्षा कर सकें।

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