पर्यावरणीय संरक्षण: समाज की जिम्मेदारी और योगदान


पर्यावरण प्रदूषण का तात्पर्य मानव गतिविधियों के कारण पर्यावरण में किसी भी यह अवांछनीय सामग्री के शामिल होने से है जो पर्यावरण और परिस्थिति की में अवांछनीय परिवर्तन का कारण बनता है। उसे हमें पर्यावरण प्रदूषण कहते हैं। पर्यावरण प्रदूषण में मानव विकास की प्रक्रिया, औद्योगिकरण तथा नगरीकरण आदि का महत्वपूर्ण योगदान है। पर्यावरणीय घटकों के आधार पर पर्यावरणीय प्रदूषण को ध्वनि,जल,वायु,एवं मृदा प्रदूषण में बांटा गया है। सभी जीवो को अपनी वृद्धि व विकास के लिए तथा जीवन चलने के लिए संतुलित पर्यावरण की आवश्यकता होती है। संतुलित पर्यावरण से तात्पर्य है जिसमें प्रत्येक घटक, एक निश्चित मात्रा एवं अनुपात में उपस्थित होता है। जब घटकों की मात्रा बढ़ जाती है तो प्रदूषण होता है जो हमारे जीवन के लिए अत्यंत हानिकारक होता है।


                                 राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा जिले के हर स्कूल के साथ यह कार्यक्रम किया जाता है जिसमें हमारी बढ़ती पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण करने हेतु उन्हें प्रेरित किया जाता है। इस कार्यक्रम में बच्चों को   पोस्टर,रैली,व्याख्यान,वाद- विवाद, चित्रकला प्रतियोगिता,सेल्फी,प्रश्नोत्तरी, हस्ताक्षर के माध्यम से इस विषय पर गहराई से समझाया जाता है। पर्यावरण हमारे जीवन के लिए कितना उपयोगी है। हमें इसे जानना अति आवश्यक है। इसके लिए हम सबको वृक्ष लगाने चाहिए और इनका संरक्षण करना चाहिए। प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य व जीवन पर क्या प्रभाव डालता है उन्हें भी विस्तृत रूप से समझना चाहिए | प्रदूषण को रोकने हेतु जो मानवीय घटक है, उन्हें जीवन में कम करना चाहिए। ध्वनि,जल, वायु एवं मृदा प्रदूषण को रोकने के उपाय भी संस्था द्वारा बताए गए। इसका उद्देश्य है कि इस धरती को बचाने हेतु हम सबको इसके लिए आगे आना होगा और पर्यावरण के लिए के प्रति सभी को जागृत करना होगा।


संस्था प्रतिनिधियों द्वारा बताया गया सरकार ने राज्य में हरित क्रांति को बढ़ाने ,विद्युत वाहनों को प्रोत्साहित करने, उपचारित अवजल के उपयोग को बढ़ावा देने, विकेंद्रीकरण कचरा प्रबंधन आदि पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के उपाय किए जा रहे हैं। इस कम करने के लिए हमको अपने व्यक्तिगत वाहनों का उपयोग कम करना होगा, सार्वजनिक परिवहन या कार पुलिंग का उपयोग करना होगा , स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके और घरेलू कचरे को कम करके वायु प्रदूषण को कम कर सकते हैं।


प्रदूषण की मुख्य समस्याऐं आर्थिक विकास को रोकते हैं। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में गरीबी और असमानता को बढ़ावा देती है और जलवायु परिवर्तन में महत्वपूर्ण योगदान देता है। गरीब लोग जो प्रदूषण के नकारात्मक प्रभाव को प्रभावों से खुद को बचाने में सक्षम नहीं है। अंतत सबसे अधिक वही पीड़ित होते हैं। संस्था द्वारा किया गया यह कार्य बहुत ही प्रेरणादायक था।

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