रंजना कुमार पूर्व अध्यक्ष नाबार्ड बैंकिंग क्षेत्र में अग्रणी



 रंजना कुमार ( जन्म 10 दिसंबर 1945 ) एक भारतीय बैंकर है जिन्होंने केंद्रीय सतर्कता आयोग में सतकऺता आयुक्त और राष्ट्रीय कृषि ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड की अध्यक्ष के रूप में काम किया। उन्होंने अपने बैंकिंग करियर की शुरुआत 1966 में बैंक ऑफ़ इंडिया में एक परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में की थी जहां उन्होंने विभिन्न पदों पर कार्य किया। जब भारत सरकार ने उन्हें इंडियन बैंक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया तो वह भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की प्रमुख बनने वाली पहली महिला बनी।


इनका जन्म आंध्र प्रदेश भारत में हुआ था। उनके पिता वायु सेना में कार्य करते थे। उनकी माता जी स्कूल चलाया करती थी उनके पिता अलग-अलग हवाई अड्डों पर स्थानांतरण होने से उन्हें भारत के विभिन्न स्थानों में ले जाया गया। जिसके कारण रंजना मुंबई, कोलकाता, कानपुर और कोयंबटूर में स्थित स्कूलों सहित विभिन्न स्थानों पर शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने महिला कॉलेज हैदराबाद से स्नातक किया। हालांकि, उसका मेडिकल पैशे में करियर बनाने का सपना था, लेकिन वह मेडिकल कॉलेज में सीट सुरक्षित नहीं रख सकी।


उन्होंने 1966 में बैंक ऑफ़ इंडिया में प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में अपना बैंकिंग करियर शुरू किया था। जहां उन्होंने विभिन्न क्षमताओं में सेवाएं की। रंजना कुमार को बैंकिंग सेक्टर में ''टर्न अराउंड क्वीन'' के नाम से जाना जाता है। रंजन पहली भारतीय महिला है जिन्होंने राष्ट्रीयकृत बैंक की प्रमुख होने के साथ-साथ भारत में शीर्ष कृषि संस्था की प्रमुख होने का गौरव भी प्राप्त किया। बैंक ऑफ़ इंडिया के विभिन्न राज्यों में स्थित विभिन्न शाखाओं व दफ्तरों में उन्होंने अलग-अलग पदों पर कार्य किया। यूनिवर्सिटी आफ वाशिंगटन सी. ए में उन्हें एक प्रोग्राम के तहत सीनियर इंटरनेशनल बैंकर्स को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया। अपने टर्न अराउंड प्लान के दूसरे हिस्से के अंतर्गत स्टाफ की कार्य क्षमता को बढ़ाना रंजना का उद्देश्य था। जब भारत सरकार ने उन्हें भारतीय बैंक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया तो वह भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की प्रमुख बनने वाली पहली भारतीय महिला बनी उनकी नियुक्ति के समय भारतीय बैंक भारी नुकसान से दुखी था और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भारतीय बैंक में बदलाव को सुनिश्चित किया।


उन्होंने आईआईटी,आईआईएम, व्हाटऺन स्कूल, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, वर्ल्ड बैंक, एशिया सोसायटी न्यूयॉर्क सहित भारत और विदेशों के मंचों पर कई व्याख्यान दिए।

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