मेरा काम मेरी पहचान



 मेरा नाम ललिता है मैं एक हाऊस वाईफ हूँ मेरे 2 बच्चे हैं व पति मजदूरी का काम करते हैं जिसके कारण घर की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती है इस कारण घर में परेशानी बनी रहती है मेरे हाथ में कोई काम भी नहीं जिसको करके मैं अपने परिवार का साथ निभा संकू | एक दिन पडोसी ने बताया कि अपने यहाँ राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की तरफ से सिलाई प्रशिक्षण होने वाला है जिसमें सभी प्रकार के घरेलू वस्त्र सिलना सिखाये जायेगें | संस्था के द्वारा सवऺ कार्यक्रम में मैंने भी अपना नाम इस कार्यक्रम में अंकित करवा लिया|


संस्था द्वारा इस कार्यक्रम में महिलाओं व बच्चों के वस्त्र बनाने का कार्य सिखाया गया जिसमें ब्लाउज, पेटिकोट, कुरती, पजामा, फ्राक, शटऺ, नेकर, व महिलाओं के राजपूती परिधान इत्यादि थे  मास्टर प्रशिक्षक के द्वारा पहले छोटे- छोटे वस्त्र का माॅडल बनाना सिखाया फिर अच्छे कपड़े पर हमने अपना कार्य करना प्रारंभ किया व मास्टर प्रशिक्षक ने सभी वस्त्रों पर बारिकी से बताया की किस तरफ इनको पूरा किया जाये | धीरे- धीरे हमने कुशलता से हमनें  सिलाई कार्य सीखा व अपनी कारीगरी आजमाने लगे इस प्रशिक्षण से हमें बहुत अधिक मनोबल मिला है |


इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पूरा हो जाने के बाद मैंने घर पर ही सिलाई काम करना प्रारंभ किया व अपने हाथों में सफाई लाने लगी | धीरे- धीरे मुझे इस काम से आय प्राप्त होने लगी व अपनी आजिविका को मैं बढ़ाने लगी कस काम से अब मैं परिवार की सभी आथिर्क जरूरत पूरा करने में सहयोग प्रदान कर रही हूँ ये सब राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के सफल प्रयास का परिणाम है जो सब कुछ संभव हो पाया वास्तव में सिलाई कार्य महिलाओं के लिये आय कमाने का अच्छा जरिया है इसके माध्यम से ही हम अपनी सभी दैनिक जरूरत पूरी करने में सक्षम बन सकें |


इस कार्य के लिये मै संस्था का आभार व धन्यवाद करती हूँ

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