आओ मिलकर हमारी धरती का श्रृंगार करें



 प्रकृति में वृक्ष हमारे लिये जीवन का एक वरदान है | धरती पर वृक्ष से हमें स्वच्छ श्वास वायु प्राप्त होती है | जिसे हम ऑक्सीजन कहते हैं वृक्ष प्रकृति की ढाल की तरह है जो मिट्टी का अपरदन और सूखे जैसी भयावक स्थिति को रोकने का कार्य करते हैं | वृक्ष का हर भाग उसकी जडों से लेकर तने, फूल, पत्तियाँ, फल इत्यादि हम प्राप्त करते हैं | व कई वृक्षों से औषधीय सामग्री भी प्राप्त होती है | वृक्ष गुणों की भरमार है | वृक्ष का हर भाग हमारे जीवन के लिये उपयोगी है |


संस्था द्वारा राजस्थान की भूधरा को देखते हुये फलदार व छायादार वृक्षों का वितरण किया गया | वृक्षारोपण से तात्पर्य वृक्षों के विकास के लिये नये पौधे लगाना व उनका संवर्धन कर धरती पर हरियाली की चादर फैलाना है वृक्ष मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जनकर हमें प्राणदायिनी वायु ऑक्सीजन प्रदान करते हैं जो जीवन के लिए अति आवश्यक हैं यह पर्यावरण से अन्य हानिकारक गैसों को भी अवशोषित करते हैं जिससे प्रकृति में शुद्ध और ताजी वायु का संचार होता हैं |


मेरा नाम जगदीश है और मैं अजमेर के पास मशिनिया ग्राम का निवासी हूँ | मेरे पास 1 बीघा का खेत है | परन्तु पानी की कमी के कारण साल भर में एक फसल ही ले पाता हूँ | कृषि ही हमारा मुख्य आजिविका का स्त्रोत है | हम सब इसी पर आश्रित है अभी कुछ दिन पहले  हमारे गांव में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था से कुछ प्रतिनिधि हमारे गाँव आये जिनको हमने अपनी समस्याओं से अवगत करवाया और अपनी व्यथा बताई | संस्थान प्रतिनिधियों ने हमें फलदार वृक्ष लगाने को प्रेरित किया व इससे होने वाले लाभों की हम सब ग्रामीण लोगों को जानकारियां भी हमें प्रदान की |


संस्था द्वारा हमें आम, जामुन, अमरूद, चीकू, अनार, नींबू, पपीते के फलदार वृक्ष दिये गये | जिनकोे हमनें अपने खेतों के किनारे रोप दिये | हम दिन प्रति दिन संरक्षण कर साज संभाल करते हैं |  व खाद, पानी इसमें देते हैं इनमें फल आने पर हमें कम से कम 1 वृक्ष से 30000 से 40000 रू के फल प्राप्त हो जायेंगे |


जिनकोे हम नजदीक मंडी में बेचकर इस से अच्छी आय प्राप्त कर सफलतापूर्वक जीवन निवऻह कर संकेगे और अपने परिवार का अच्छे से संचालन कर सकेंगे | व समाज, गाँव के लोगों को भी इसकी प्रेरणा देगें अब वृक्षों से आय प्राप्त करना हमारा द्वितीय व्यवसाय बन जायेगा पहले हम एक मात्र कृषि पर ही आश्रित थे परन्तु अब ऐसा नहीं है |


इसके लिये हम संस्था के बहुत आभारी है और कृत्तज्ञ है जिनके प्रयासों से यह कार्य सफल व सुगम हो पाया |

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