नई आशाओं के बीज रोपकर भविष्य को मदद करना
यह बीज उत्तम कोटि के है जिसको रोप कर हम कीट नाशक बीजो से बचते है और इससे होने वाली हानि को भी हम दूर कर सकते है इनको बो कर इनसे गोबर से बनी खाद का प्रयोग करते है जिससे जमीं की उर्वेरकता बढ़े ,और जमीं की हानिकारकता मिटे। आजकल हम कृषि के परम्परागत तरीको को भूलकर नए संशाधनों का बहुत तेजी से प्रयोग कर रहे है जो हमारे लिए बहुत ही हानिकारक व् घातक है पुराने तरीको में जमीं की उवर्रक समता पर दिया जाता था और आजकल हम नवीनतम तकनीकों का प्रयोग कर रहे है। जिससे हमारे जीवन में कई हानिकारक तत्वों का समावेश होता रहता है और हम इसके दूषित प्रभावो से ग्रसित होते जा रहे है अतः हमे अपने पुराने संसाधनों को प्रयोग में लाना होगा और धरती की उपजाऊ समता बढ़ानी होगी।
राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्व्रारा इस सर्वे कार्यक्रम में कृषि विज्ञानं केंद्र के मास्टर ट्रेनर के साथ मिलकर महत्त्व पूर्ण जानकारिया दी जाती है। जिससे कास्तकारो को फसल की हर शूक्ष्म व् वर्द्धह महत्वपूर्ण जानकारी देते है जिसका लाभ समस्त कास्तकार वर्ग को प्राप्त हो जाता है। इस कार्यक्रम में ग्रामीण कास्तकार को उनत्त बीज प्रदान किये जाते है जैसे मूंगफली ,मूग ,बाजरा ,सरसो ,जवार ,व् ग्वार इत्यादि ,अजमेर को ग्रामीण इलाको तक इसका लाभ पहुंचाया जा रहा है
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