अनाथ, बेसहारा, एकल महिला, गरीब, विकलांगजन को राशन वितरण कार्यक्रम




राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण इलाको में कई तरह प्रोजेक्ट चलाये जाते है जिसमे ग्रामीण भाग में बसर कर रहे गरीब,अनाथ ,विकलांग ,बेसहारा ,एकल महिला ,विधवा ,अपाहिज ,निराश्रित ,बेघर ,निशक्त आदि लोगो का सर्वे किया जाता है जो वास्तविक रूप से जरूरतमंद हो उन्हें संस्था द्वारा राशन की मदद कर उनकी कुछ मदद की जाती है जिसमे व् अपनी खाद्य सामग्री की पूर्ति कर सके ओर स्वस्थ जीवन चलाने में उसको कुछ संस्थागत मदद मिल सके।

राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ऐसे 10 व्यक्तियो का सर्वे किया जो सच में वस्तु प्राप्ति के हकदार थे। सामाजिक पक्षपात के कारण उनकी स्थति बहुत ही दयनीय थी। व् अपनी खाद्य सामग्री जरूरतों को पूरा करने के लिए असमर्थ थे। जिससे उनकी शारारिक स्थिति पर दुष्प्रभाव देखते ही बनता था। हमारे यहाँ ऐसे पिछड़े वर्ग को बहुत उपेक्षा भरी नजरो से देखा जाता है। समाज के द्वारा भी इनकी तरफ से कोई कार्य नहीं किया जाता है संस्था द्वारा सर्वे के दौरान उनसे इस विषय पर आपसी बातचीत कर एक सरल राह उनको सुझाई जाती है जिसमे वह आगे के अपने जीवन के बारे मे अच्छी सोच विकसित करे और जीवन को जीने की श्रष्ठ राह चुने। 


संस्था द्वारा इनको भोजन सम्बंधित समस्त रासन सामग्री उपलब्ध करवाती है। जैसी आटा ,दाल, नमक, शक़्कर ,तेल ,मिर्ची ,हल्दी ,धनिया, सोयाबीन, चायपत्ती, चावल, मूँग ,चना ,दलिया ,आदि सामग्री उनको वितरण की जाती है। जिसमे उनकी काम से काम 3 से 4  माह की खाद्यान जरुरत पूरी हो जाती है। किसी गरीब के लिए इतनी सामग्री उसकी चेहरे पर ख़ुशी की झलक ले आती है जब समाज में रह रहे किसी वयक्ति को इस तरह से कोई मदद मिलती है। तो जैसे उसके सपनो को उड़ने का एक विशाल आकाश मिल जाता है। 


 राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान हर वर्ष ऐसे कई लोगो को जीवन जीने की राह दिखाती है उनको प्रेरित करती है यह जीवन कितना अनमोल है हमे इस जीवन को सफल बनाने के लिए कौनसे सफल सार्थक प्रयास करने चाहिए जिससे किसी और का भी जीवन स्तर सुधारा जा सके। और हमारे समाज को सशक्त बनाया जा सके ताकि हमारा राष्ट्र और  भी मजबूत बन सके। और हम विकसित राष्ट्र का निर्माण कर सके जिसमे यह असमानता का भाव हमे कही देखने को ना मिले।

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